Our detailed NCERT Solutions for Class 12 Hindi समाचार लेखन Questions and Answers help students in exams.
CBSE Class 12 Hindi समाचार लेखन
(क) समाचार लेखन (उल्टा पिरामिड शैली)
प्रश्न 1.
विभिन्न जनसंचार माध्यमों के लिए लेखन के कौन-कौन से तरीके हैं ?
उत्तर:
लोगों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को जनसंचार कहते हैं। जनसंचार के अनेक माध्यम हैं । जैसे-समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, टेलीविज़न, इंटरनेट आदि। जनसंचार के विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन के अनेक तरीके अपनाए जाते हैं जो इस प्रकार हैं :
( क ) समाचार-पत्र और पत्रिकाएं : समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में खबरें इकट्ठी करने का कार्य संवाददाता करते हैं। वे समाज के हर क्षेत्र से खबरें इकट्ठी करके उन्हें संपादक के पास भेजते हैं। इसके बाद संपादक इन खबरों को संपादित करके समाचार-पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित करता है।
(ख) टेलीविज़न-टेलीविज़न एक दृश्य और श्रव्य का माध्यम है। इसमें एंकर खबरे देने का कार्य करते हैं जो उन्हें अनेक संवाददाताओं तथा चैनलों से प्राप्त होती हैं। इसमें एंकर खबरों को लिखकर तथा बोलकर दर्शकों तक पहुंचाता है।
(ग) रेडियो-रेडियो एक श्रव्य माध्यम है। जिस पर वाचक बोलकर सूचनाएँ संप्रेषित करता है। वाचक ही खबरों को एकत्र कर उनका संपादन करता है।
(घ) इंटरनेट- यह एक ऐसा माध्यम है जिस पर संपूर्ण संसार की सूचनाएँ प्राप्त होती हैं। इस पर संसार के कोने-कोने से सूचनाएँ लिखकर भेजी जाती हैं जिन्हें कभी भी पढ़ा जा सकता है।
प्रश्न 2.
रेडियो समाचार एवम् सामान्य समाचारों की संरचना किस पर आधारित होती है ? (HR. 2015 Set-B, 2017)
अथवा
उल्टा पिरामिड शैली से क्या आशय है ?
उत्तर:
रेडियो समाचार एवम् समाचार पत्रों के समाचारों, फ़ीचर आदि की संरचना उल्टा पिरामिड शैली पर आधारित होती है। यह समाचार लेखन की सबसे महत्त्वपूर्ण और प्रसिद्ध शैली है। नब्बे प्रतिशत समाचार अथवा कहानियाँ इसी शैली में लिखे जाते हैं। इस शैली में खबर के अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्य को सर्वप्रथम लिखा जाता है। उसके बाद कम महत्त्वपूर्ण तथ्यों को लिखा जाता है। इसमें कहानी की तरह क्लाईमेक्स अंत की जगह आरंभ में होता है। इस शैली में कोई निष्कर्ष नहीं होता। उल्टा पिरामिड शैली में समाचार को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है :
(i) इंट्रो या मुखड़ा
(ii) बॉडी
(iii) समापन।
(i) इंट्रो या मुखड़ा-समाचार में इंट्रो अथवा लीड को मुखड़ा भी कहा जाता है। इसमें समाचार के मूल तत्वों को प्रारंभ की दो-तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। यह समाचार का महत्त्वपूर्ण अंग होता है।
(ii) बॉडी-बॉडी इंट्रो के बाद लिखा जाता है। इसमें समाचार के विस्तृत तत्व को अवरोही क्रम में लिखा जाता है।
(iii) समापन-उल्टा पिरामिड शैली में कोई अंत नहीं होता। इसमें आवश्यकता अनुसार समय और स्थान की कमी को देखते हुए
अंतिम पंक्तियों को काटकर छोटा किया जाता है। इस प्रकार समाचार का समापन होता है।
प्रश्न 3.
रेडियो के लिए समाचार लेखन की बुनियादी बातों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रेडियो समाचार उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है। रेडियो समाचार लेखन के लिए अनेक बुनियादी बातें निम्नलिखित हैं
(i) साफ़-सुथरी और टंकित कॉपी-यह रेडियो समाचार लेखन का मूलभूत आधार होती है। रेडियो समाचार की कॉपी साफ और स्पष्ट होनी चाहिए ताकि समाचार पढ़ते समय वाचक को कोई कठिनाई महसूस न हो। समाचार कॉपी कंप्यूटर पर ट्रिपल स्पेस में टाईप किया जाना चाहिए। कॉपी के दोनों तरफ पर्याप्त जगह होनी चाहिए। एक पंक्ति में अधिक-से-अधिक 12-13 शब्द होने चाहिए। पंक्ति के अंत में कोई शब्द विभाजित नहीं होना चाहिए। कठिन तथा लम्बे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक से दस तक के अंकों को शब्दों में लिखना चाहिए तथा 11 से 999 तक के अंकों को अंकों में ही लिखा जाना चाहिए। संकेतों की अपेक्षा प्रतिशत अथवा डॉलर शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। समाचार को कभी-भी संख्या से शुरू नहीं करना चाहिए।
(ii) डेडलाइन, संदर्भ तथा संक्षिप्ताक्षर का प्रयोग–रेडियो समाचार लेखन में डेड लाइन, संदर्भ तथा संक्षिप्त अक्षरों का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसमें अखबारों की तरह अलग से डेड लाइन नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे समाचार के साथ ही जोड़ देना चाहिए। इसमें आज सुबह, आज दोपहर, आज शाम, कल सुबह, कल दोपहर, कल शाम, इस वर्ष, अगले वर्ष आदि का प्रयोग करना चाहिए। संक्षिप्त अक्षरों के प्रयोग से सदैव बचना चाहिए। केवल कुछ प्रचलित संक्षिप्त अक्षरों का ही थोड़ा-बहुत प्रयोग करना चाहिए। जैसे यू० एन० ओ०, पी० एन० बी० आदि।
प्रश्न 4.
टेलीविजन का जनसंचार माध्यम में क्या महत्त्व है ?
अथवा
संचार माध्यमों में दूरदर्शन की भूमिका।
उत्तर:
टेलीविजन का जनसंचार माध्यम में विशेष महत्त्व है जो इस प्रकार है :
(i) टेलीविजन जनसंचार का दृश्य एवं श्रव्य माध्यम है।
(ii) इसके द्वारा हम खबरें देख भी सकते हैं और सुन भी सकते हैं।
(iii) इसमें समाचार देने के साथ-साथ उनके दृश्य भी दिखाए जाते हैं।
(iv) इसके द्वारा कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक समाचार प्रस्तुत किए जाते हैं।
(v) इसके द्वारा खबरों के साथ-साथ उनके प्रमाण भी प्रस्तुत किए जाते हैं।
(vi) इसमें वाचक के द्वारा मुख्य समाचारों को पढ़ा जाता है और उसके बाद उन समाचारों से संबंधित दृश्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
(vii) इसके द्वारा घटनाओं का सीधा प्रसारण भी किया जाता है।
प्रश्न 5.
पत्रकारीय लेखन की परिभाषा लिखिए। यह कितने प्रकार का होता है तथा पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
पत्रकारीय लेखन की परिभाषा
समाचार-पत्र अथवा जनसंचार माध्यमों में कार्य करने वाले पत्रकार अपने पाठकों, दर्शकों तथा श्रोताओं तक सूचनाएं भेजने के लिए लेखन के विभिन्न तरीके अपनाते हैं जिन्हें पत्रकारीय लेखन कहते हैं।। पत्रकारीय लेखन के प्रकार-पत्रकारीय लेखन मुख्यतः तीन प्रकार से किया जाता है
(i) पूर्णकालिक लेखन
(ii) अंशकालिक लेखन
(iii) स्वतंत्र लेखन।
(i) पूर्णकालिक लेखन-इस लेखन में पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए नियमित रूप से नियमित वेतन प्राप्त करते हुए लिखता है।
(ii) अंशकालिक लेखन-वह लेखन जिसमें पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए निश्चित मानदेय के आधार पर लिखता है।
(iii) स्वतंत्र लेखन-वह लेखन जिसमें पत्रकार स्वतंत्र रूप से भुगतान के आधार पर विभिन्न समाचार-पत्रों के लिए लेख लिखता है।
पत्रकार के प्रकार-पत्रकार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं
(i) पूर्णकालिक पत्रकार,
(ii) अंशकालिक पत्रकार
(iii) स्वतंत्र पत्रकार।
(i) पूर्णकालिक पत्रकार-जो पत्रकार किसी समाचार संगठन में नियमित रूप से नियमित वेतन प्राप्त करते हैं, उन्हें पूर्णकालिक पत्रकार कहते हैं।
(ii) अंशकालिक पत्रकार-जो पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए निश्चित मानदेय के आधार पर कार्य करते हैं, उन्हें अंशकालिक पत्रकार कहते हैं।
(iii) स्वतंत्र पत्रकार-जो पत्रकार किसी समाचार संगठन से न जुड़कर विभिन्न समाचार-पत्रों के लिए भुगतान के आधार पर लेख लिखते हैं, उन्हें स्वतंत्र पत्रकार कहते हैं।
प्रश्न 6.
अच्छे लेखन के लिए ध्यान में रखी जाने वाली महत्त्वपूर्ण बातों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: अच्छे लेखन अथवा आदर्श लेखन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
(i) भाषा, सरल, सहज और सामान्य बोलचाल की होनी चाहिए।
(ii) वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए।
(iii) संयुक्त और मिश्र वाक्य की अपेक्षा सरल वाक्यों का ही प्रयोग होना चाहिए।
(iv) सार्थक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
(v) अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
(vi) लेखन विविधता के लिए सामान्य मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
(vii) आदर्श लेखन के लिए सुप्रसिद्ध लेखकों की रचनाएँ पढ़नी चाहिए।
(viii) लेखन में कसावट ज़रूर होनी चाहिए।
(ix) दूसरों को प्रभावित करने की अपेक्षा अपनी भावनाओं, विचारों तथा तथ्यों को प्रकट करना ही उद्देश्य होना चाहिए।
(x) लेखन को दोबारा पढ़कर उसमें से अशुद्धियां को दूर करना चाहिए।
(xi) विश्व तथा अपने आस-पास घटित होने वाली घटनाओं, समाज और पर्यावरण पर दृष्टि अवश्य रखनी चाहिए।
(xii) लेखक में तथ्यों को जुटाने तथा किसी विषय पर गंभीरता से विचार करने का धैर्य होना चाहिए।
प्रश्न 7.
समाचार लेखन के छः ककारों का वर्णन कीजिए।
अथवा
छः ककार से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए। (HR. 2010 Set-B, 2012 Set-B, 2014 Set-A)
छ: ककारों से तात्पर्य : समाचार लेखन में कब, कहाँ, कैसे, क्या, कौन, क्यों इन्हीं छ: प्रश्नों को छ: ककार कहते हैं।
इन्हीं ककारों.. के आधार पर किसी घटना, समस्या तथा विचार आदि से संबंधित खबर लिखी जाती है।
ये ककार ही समाचार लेखन का मूल आधार होते हैं ।
इसलिए समाचार लेखन में इनका बहुत महत्त्व है।
छः ककारों को हम इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं कब-यह समाचार लेखन का आधार होता है।
इस ककार के माध्यम से किसी घटना तथा समस्या के समय का बोध होता है।
जैसे बस दुर्घटना कब हुई ?
बस दुर्घटना सुबह 8 बजे हुई।
कहाँ- इस ककार को आधार बनाकर समाचार लिखा जाता है।
इसके माध्यम से किसी घटना और समस्या के स्थान का चित्रण किया जाता है।
जैसे बस दुर्घटना कहाँ हुई ?
बस दुर्घटना करनाल में हुई।
कैसे- इस ककार के द्वारा समाचार का विश्लेषण, वितरण तथा व्याख्या की जाती है।
क्या- यह ककार भी समाचार लेखन का आधार माना जाता है। इसके द्वारा समाचार की रूप-रेखा तैयार की जाती है।
क्यों- इस ककार के द्वारा समाचार के विवरणात्मक, व्याख्यात्मक तथा विश्लेषणात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाता है।
कौन-इस ककार को आधार बनाकर समाचार लिखा जाता है।
प्रश्न 8.
फीचर से क्या अभिप्राय है ? फीचर और समाचार में क्या अंतर है ? …. (HR. 2013 Set-C, 2014 Set-C)
उत्तर:
फीचर से अभिप्राय-ऐसा सुव्यवस्थित, सृजनात्मक तथा आत्मनिष्ठ लेखन जिसके माध्यम से सूचनाओं के साथ-साथ मनोरंजन पर भी ध्यान दिया जाता है। उसे फीचर कहते हैं। फीचर और समाचार में निम्नलिखित अंत है-……