CBSE Class 6 Hindi Vyakaran संज्ञा
नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए-
- रमेश कल आगरा जाएगा।
- इस पेड़ की ऊँचाई कितनी है?
उपर्युक्त वाक्यों में ‘रमेश’ किसी व्यक्ति का नाम है। ‘आगरा’ किसी स्थान का नाम है। ‘पेड़’ किसी वस्तु का नाम है। ‘ऊँचाई’ से ‘ऊँचा’ होने का भाव प्रकट होता है।
ये सभी रेखांकित पद संज्ञा हैं।
हम कह सकते हैं :
किसी, व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं।
संज्ञा के कुछ उदाहरण देखिए-
व्यक्तियों (प्राणियों) के नाम – स्वाति, गौरव, सौरभ, बालक, हाथी, शेर, गाय आदि।
वस्तुओं के नाम – मेज, कुसी, कमीज, ताजमहल आदि।
स्थानों के नाम – आगरा, दिल्ली, मुम्बई, नगर आदि।
गुणों या भावों के नाम – मिठास, ईमानदारी, बुढ़ापा, सच्चाई आदि।
संज्ञा के कार्य :
वाक्य में संज्ञा शब्द कई कार्य करते हैं :
- कर्ता के रूप में – रमेश पुस्तक पढ़ता है।
- कर्म के रूप में – रमेश ने पुस्तक को पढ़ा।
- पूरक के रूप में – रमेश डॉक्टर है।
- क्रियाविशेषण के रूप में – रमेश घर पर है।
संज्ञा शब्द की पहचान उसके रूप के आधार पर की जा सकती है। इसके दो लक्षण हैं-
1. संज्ञा शब्द के बाद परसर्ग (ने, को, से, में, पर, के लिए) आ सकते हैं, जैसे-मोहन ने, श्याम को, लड़के के लिए, थैले में, मेज पर आदि।
2. संज्ञा शब्द के पहले विशेषण का प्रयोग हो सकता है, जैसे-काला कुत्ता, नई साइकिल, अँधेरी रात, पुराना घर आदि संज्ञा पदों के पहले क्रमशः काला, नई, अंधेरी, पुराना आदि विशेषण आए हैं।
कुछ संज्ञा पद प्राणिवाचक होते हैं तथा कुछ अप्राणिवाचक, जैसे-प्राणिवाचक-बच्चा, स्त्री, गाय, चिड़िया, मोहन, आदमी, शेर। अप्राणिवाचक-मेज, पुस्तक, मकान, रेलगाड़ी, रोटी, सुरंग, कमीज।
कुछ संज्ञा पदों की गिनती की जा सकती है और कुछ की नहीं। इस आधार पर संज्ञा के दो प्रकार हैं-गण ानीय और अगणनीय।
गणनीय-आदमी, केले, चिट्ठियाँ, पुस्तकें, संतरे।
अगणनीय-दूध, पानी, हवा, प्रेम, घृणा।
संज्ञा के भेद (Kinds of Noun) :
संज्ञा के मुख्य भेद तीन हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
- जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
- भाववाचक (Abstract Noun)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)-जिस पद से किसी व्यक्ति, प्राणी, स्थान या वस्तु विशेष का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं, जैसे-हिमांशु, हिमालय, लक्ष्मीनारायण मन्दिर, रामायण आदि।
अन्य उदाहरण-
- श्रीराम, श्रीकृष्ण, महात्मा गाँधी, अन्ना हजारे, इंदिरा गांधी, रविकांत, कल्पना चावला आदि।
- सूरसागर, रामचरित मानस, गीता, गुरुग्रंथ साहिब, बाइबल, कुरान आदि।
- मुंबई, कोलकाता, आगरा, वडोदरा आदि।
- ताजमहल, लाल किला, इंडिया गेट आदि।
2. जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)-जिस पद से किसी जाति, समूह या वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं, जैसे-आदमी, ड़िया, पुस्तक, फूल, पहाड़ आदि।
अन्य उदाहरण-
शेर, चीता, हाथी, तोता, कोयल, मोर, घोड़ा आदि।
पुस्तक, मेज, नदी, सागर, कमीज, घर आदि।
समझे-
व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग
जयचंदों के कारण ही देश को गुलाम होना पड़ा।
(यहाँ ‘जयचंद’ व्यक्ति विशेष न रहकर देशद्रोहियों का प्रतीक बन गया है, अतः यह प्रयोग जातिवाचक संज्ञा का है।) जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग
गांधीजी ने भारत को स्वतंत्र कराया।
(‘गांधी’ जातिसूचक शब्द होते हुए भी यहाँ महात्मा गांधी के लिए प्रयुक्त हुआ है, अतः यह व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग माना जाएगा।)
3. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)-जो संज्ञा शब्द किसी गुण, दशा या भाव का बोध कराएँ, भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे-बुढ़ापा, सुंदरता, मित्रता, गरीबी आदि।
भाववाचक संज्ञा बनाना (Formation of Abstract Noun)
भाववाचक संज्ञाएँ पाँच प्रकार से बनाई जाती हैं-
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा
विशेषण से भाववाचक संज्ञा
क्रिया से भाववाचक संज्ञा
अव्यय से भाववाचक संज्ञा
विशेष-अंग्रेजी व्याकरण के प्रभावस्वरूप संज्ञा के दो अन्य भेद भी माने जाते हैं-
1. समुदायवाचक संज्ञा (Collective Noun)-समूह, गिरोह, झुंड या दल का बोध कराने वाले शब्द समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे-सभा, सेना, कक्षा।
2. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)-जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु आदि का बोध होता है, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-सोना, चाँदी, घी, तेल, कोयला, लोहा आदि।