CBSE Class 6 Hindi Vyakaran उपसर्ग-प्रत्यय
नए शब्द निर्माण में उपसर्ग-प्रत्यय की भूमिका महत्त्वपूर्ण है।
इन दोनों के बारे में जानना आवश्यक है।
1. उपसर्ग (Prefix)
वे लघुतम शब्दांश हैं जो शब्द के प्रारंभ में लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं; जैसे-
अ + धर्म = अधर्म
बे + ईमान = बेईमान
क + पूत = कपूत
सु + पुत्र = सुपुत्र।
हिन्दी में तीन प्रकार के उपसर्ग हैं-
(क) तत्सम उपसर्ग
(ख) तद्भव उपसर्ग
(ग) आगत उपसर्ग
(क) तत्सम उपसर्ग-ये उपसर्ग संस्कृत से आए हैं और तत्सम शब्दों में ही लगते हैं। नीचे कुछ प्रचलित तत्सम उदाहरण सहित दिए जा रहे हैं-
(ख) तद्भव उपसर्ग-हिंदी के अपने कुछ उपसर्ग विकसित हुए हैं। हिंदी के अधिकांश तद्भव उपसर्ग संस्कृत के तत्सम उपसर्गों से ही विकसित हुए हैं-
(ग) आगत उपसर्ग-विदेशी भाषाओं के शब्दों के आने के साथ-साथ विदेशी भाषाओं के कुछ उपसर्ग भी हिंदी में आ गए हैं। हिंदी में आगत उपसर्ग मुख्यत: अरबी-फारसी के हैं।
2. प्रत्यय (Suffix)
प्रत्यय भाषा के वे लघुतम सार्थक खंड हैं जो शब्द के अंत में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं। प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं-
(क) कृत प्रत्यय-क्रिया के मूल रूप (धातु) से जुड़कर संज्ञा अथवा विशेषण बनाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्दों को कृदंत कहते हैं। उदाहरण-
(ख) तद्धित प्रत्यय-जो प्रत्यय संज्ञा, विशेषण, सर्वनाम और अव्यय के बाद लगते हैं और संज्ञा तथा विशेषण शब्द बनाते हैं वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
संज्ञा से संज्ञा –
आर सोना-सुनार, लोहा-लुहार।
इया डिब्बा-डिबिया, खाट-खटिया, लठ-लठिया।
ई पहाड़-पहाड़ी, रस्सा-रस्सी, खेत-खेती।
कार कला-कलाकार, पत्र-पत्रकार, चित्र-चित्रकार, साहित्य-साहित्यकार।
गर जादू-जादूगर, बाजी-बाजीगर।
दार किराया-किराएदार, दुकान-दुकानदार।
विशेषण से संज्ञा –
- आस मीठा-मिठास, खट्टा-खटास।
- आई अच्छा-अच्छाई, बुरा-बुराई, भला-भलाई।
- आहट कड़वा-कड़वाहट, गरम-गरमाहट।
- ई अमीर-अमीरी, गरीब-गरीबी।
- ता/त्व लघु-लघुता, लघुत्व; प्रभु-प्रभुता, प्रभुत्व।
- पन काला-कालापन, बड़ा-बड़प्पन।
- पा मोटा-मोटापा, बूढ़ा-बुढ़ापा।
संज्ञा से विशेषण-
- ई गुलाब-गुलाबी, पंजाब-पंजाबी।
- ईला रस-रसीला, चमक-चमकीला।
- ऊ बाज़ार-बाज़ारू, पेट-पेदू, ढाल-ढालू।
- इक धर्म-धार्मिक, समाज-सामाजिक, नीति-नैतिक।
- उक भिक्षुक, भावुक
- क सेवक, पाठक, गायक
- व्य कर्तव्य, श्रव्य
- स्थ गृहस्थ, स्वस्थ
- ऐया शैया
स्त्रीलिंग बनाने वाले तद्धित प्रत्यय
ई – बेटी, चाची, लड़की
अरबी-फारसी के प्रमुख तद्धित प्रत्यय
इन – धोबिन, मालिन
इया – चुहिया, बुढ़िया
आइन – पंडिताइन, ललाइन
आनी – जेठानी, सेठानी
नी – ऊँटनी, शेरनी
आ – छात्रा, प्रिया
इयत – इंसानियत, हैवानियत
स्त्रीलिंग बनाने वाले तद्धित प्रत्यय
ई – बेटी, चाची, लड़की
इन – धोबिन, मालिन
इया – चुहिया, बुढ़िया
आइन – पंडिताइन, ललाइन
आनी – जेठानी, सेठानी
नी – ऊँटनी, शेरनी
आ – छात्रा, प्रिया
आना – रोज़ाना, सालाना, मेहनताना
अरबी-फारसी के प्रमुख तद्धित प्रत्यय
इयत – इंसानियत, हैवानियत
ईन – शौकीन, नमकीन
गार – मददगार, कामगार
गी – पेशगी, मर्दानगी
गीरी – चमचागीरी, दादागीरी
दान – पीकदान, कलमदान
नाक – शर्मनाक, दर्दनाक
कभी-कभी एक शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों प्रयोग होता है। जैसे-