CBSE Class 6 Hindi Vyakaran वाक्य-रचना की अशुद्धियाँ
वाक्य-रचना की अशुद्धियाँ निम्नलिखित प्रकार की हो सकती हैं-
- अन्विति संबंधी
- पदक्रम संबंधी
- वाच्य संबंधी
अन्विति के नियम-वाक्य के पदों की परस्पर एकरूपता (लिंग, वचन, पुरुष आदि) के साथ क्रिया की भी अनुरूपता होनी चाहिए। हिंदी में पदों की अन्विति के कुछ विशेष नियम हैं।
(क) कर्ता-क्रिया
विभक्ति रहित कर्ता वाले वाक्य की क्रिया सदा कर्ता के अनुसार होती है। यदि कर्ता के साथ ने विभक्ति जुड़ी हो तो सकर्मक क्रिया कर्म के लिंग, वचन के अनसार होती है। जैसे-
कर्ता और कर्म दोनों विभक्ति सहित हों तो क्रियां पुल्लिग, एकवचन में होती है। जैसे-
1. मैनेजर ने नौकर को बुलाया।
2. मालिक ने मजदूरों को समझाया।
समान लिंग के विभक्ति रहित अनेक कर्ता पद ‘और’ से जुड़े हों तो क्रिया उसी लिंग में बहुवचन में होती है। जैसे-
1. गीता, चित्रा और शीला आएँगी।
2. श्याम, नीरज और इमरान खेल रहे हैं।
या से जुड़े विभक्ति रहित कर्ता पंदों की क्रिया अंतिम कर्ता के अनुसार होती है। जैसे-
1. भाई या बहन आएगी।
2. अध्यापक या अध्यापिका आएगी।
विभिन्न लिंगों के अनेक कर्ता और से जुड़े हों तो क्रिया पुर्लिग, बहुवचन से होती है। जैसेगणतंत्र दिवस परेड को लाखों बालक, वृद्ध, नर और नारी देख रहे हैं।
यदि कर्ता भिन्न-भिन्न पुरुषों के हों तो उनका क्रम होगा (231) पहले मध्यम पुरुष, फिर अन्य पुरुष और अंत में उत्तम पुरुष। क्रिया अंतिम कर्ता के लिंग के अनुसार बहुवचन में होगी। जैसे-
1. तुम, गीता और मैं नाटक देखने चलेंगे।
2. तुम, राकेश और मैं टेनिस खेलेंगे।
कर्ता का लिंग अज्ञात हो तो क्रिया पुल्लिग में होगी। जैसे-
1. देखो कौन आया है?
2. तुम्हारा पालन-पोषण कौन करता है?
आदर देने के लिए एकवचन कर्ता के लिए क्रिया बहुवचन में प्रयुक्त होती है। जैसे-
1. प्रधानमंत्री भाषण दे रहे हैं।
2. महात्मा गांधी राष्ट्रपिता माने जाते हैं।
संबंधकारक का लिंग उसके संबंधी के लिंग के अनुसार होता है-यदि ये रूप भिन्न-भिन्न लोगों के हों तथा ‘और’ से जुड़े हों तो संज्ञा-सर्वनाम का संबंधकारक लिंग प्रथम संबंधी के अनुसार होगा। जैसे-
1. मेरा बेटा और बेटी शिमला गए हैं।
2. तुम्हारी बहन और भाई आजकल क्या कर रहे हैं?
(ख) विशेष्य और विशेषण की अन्विति
विशेषण का लिग-वचन अपने विशेष्य के अनुसार होता है। जैसे-
1. यहाँ उदार और परिश्रमी लोग रहते हैं।
2. गोरे मुख पर काला तिल अच्छा लगता है।
यदि एक से अधिक विशेष्य हों तब भी उपयुक्त नियम का ही पालन होता है। जैसे-
वह गिरती उठती बड़ी-बड़ी लहरों को निहारती रही।
अनेक समास रहित विशेष्यों का विशेषण निकटवर्ती विशेष्य के अनुरूप होता है। जैसे-
1. भोले-भाले बालक और बालिकाएँ।
2. भोली-भाली बालिकाएँ और बालक।
(ग) सर्वनाम और संज्ञा की अन्विति-
सर्वनाम उसी संज्ञा के लिंग तथा वचन का अनुसरण करता है जिसके स्थान पर आया है, जैसे-
1. मैंने सीता को देखा, वह आ रही थी।
2. मैंने सतीश को देखा, वह आ रहा था।
आदर के लिए बहुवचन सर्वनाम का प्रयोग होता है, जैसे-
1. चाचा जी आए हैं।
2. वे एक सप्ताह रुकेंगे।
वर्ग का प्रतिनिधि अपने लिए मैं के स्थान पर हम का प्रयोग करता है। जैसे-
मंत्री ने कहा, हमें अपने देश से अशिक्षा दूर करनी है।
पदक्रम संबंधी नियम-वाक्य पदों और पदबंधों से बनता है। वाक्य के साँचे में पदों का क्या क्रम हो, इसके कुछ निश्चित नियम हैं-
प्राय: कर्तापद वाक्य में सबसे पहले आता है और क्रियापद सबसे अंत में-
1. भिखारी आ रहा है।
2. सूर्योदय हुआ।
संबोधन और विस्मयसूचक पद वाक्य के प्रारंभ में कर्ता से भी पहले आते हैं-
1. अरे! भिखारी आ रहा है।
2. अहा! सूर्योदय हुआ।
कर्म पद कर्ता और क्रियापदों के बीच रहता है-
1. गोकुल पाठ पढ़ाता है।
2. बच्चे ने गीत सुनाया।
संबंधकारक अपने संबंधी शब्द से पूर्व आता है-
1. भिखारी के बच्चे ने कबीर का पद सुनाया।
2. वह तुम्हारा नाम पूछ रहा था।
प्रश्नवाचक पदं प्रश्न के विषय से पूर्व आता है-
1. कौन खड़ा है? (कर्ता पर प्रश्न)
2. तुम क्या खा रही हो? (कर्म पर प्रश्न)
3. वह कैसे आया? (रीति पर प्रश्न)
कर्ता और कर्म को छोड़कर शेष सभी कारक कर्ता-कर्म के बीच आते हैं। एक से अधिक कारक रूप होने पर ये उल्टे क्रम में (पहले अधिकरण) रखे जाते हैं-
1. मजदूर खेत में रहट से सिंचाई कर रहे हैं।
2. छात्र मैदान में अपने मित्रों के साथ क्रिकेट खेलने लगे।
पूर्वकालिक क्रिया, क्रिया से पहले आती है-
1. कल पढ़ने आइए।
2. कल पाठ पढ़कर आइए।
न या नहीं का प्रयोग निषेध के अर्थ में हो तो क्रिया से पूर्व और आग्रह के अर्थ में हो तो क्रिया के बाद होता है-
1. मैं नहीं जाऊँगा।
2. तुम जाओ न।
महत्वपूर्ण है कि वाक्य के विभिन्न पदों में ऐसी तर्कसंगत निकटता होनी चाहिए जिससे वाक्य द्वारा संप्रेषित अर्थ स्पष्ट हो-
1. फल बच्चे को काटकर खिलाओ।
2. गरम गाय का दूध स्वास्थ्यवर्धक होता है।
उपर्युक्त दोनों वाक्यों का अर्थ अटपटा और उपहास्यपद है, अतः उचित क्रम होगा-
1. बच्चे को फल काटकर खिलाओ।
2. गाय का गरम दूध स्वास्थ्यवर्धक होता है।
अशुद्धियों को दूर करना (Correction of Error) :
अन्विति संबंधी अशुद्धियाँ –
अशुद्ध
- हमारा लक्ष्य देश की चहुँमुखी प्रगति होनी चाहिए।
- क्या आप पढ़ लिए हैं?
- क्या आप आ सकोगे?
- प्रधानाचार्य अध्यापक को बुलाए।
- सुरेश को योगेश को और मोहन को कल मैंने साथसाथ देखा था।
- यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठी थी।
- तुम मेरे मित्र हो मैं आपको भली-भाँति जानता हैँ।
- उच : चरित्र-निर्माण हमारे लक्ष्य होने चाहिए।
शुद्ध
- हमारा लक्ष्य देश की चहुँमुखी प्रगति होना चाहिए। क्या आपने पढ़ लिया है?
- क्या आप आ सकेंगे?
- प्रधानाचार्य ने अध्यापक को बुलाया।
- मैंने सुरेश, योगेश और मोहन को कल साथ-साथ देखा था।
- यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठे थे।
- तुम मेरे मित्र हो मैं तुम्हें भली-भाँति जानता हूँ।
- उत्तम चरित्र-निर्माण हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
पदक्रम की अशुद्धियाँ –
अशुद्ध
- सावित्री जो सत्यवान की पत्नी थी, वह एक पतिव्रता नारी थी।
- महात्मा गांधी का देश सदा आभारी रहेगा।
- केवल यहाँ दो पुस्तकें रखी हैं।
- खरगोश को काटकर गाजर खिलाओ।
- हमारे बैल इधर-उधर भटकते हुए पड़ोसियों के खेत में जा पहुँचे।
- एक फूलों की माला ले आइए।
- पुस्तकें ये किसकी हैं?
शुद्ध
- सत्यवान की पत्नी सावित्री एक पतिव्रता नारी थी।
- देश महात्मा गांधी का सदा आभारी रहेगा।
- यहाँ केवल दो पुस्तकें रखी हैं।
- गाजर काटकर खरगोश को खिलाओ।
- इधर-उधर भटकते हुए हमारे बैल पड़ोसियों के खेत में जा पहुँचे।
- फूलों की एक माला ले आइए।
- ये पुस्तकें किसकी हैं?
वाच्य की अशुद्धियाँ –
अशुद्ध
- प्रस्तुत पंक्तियाँ सरोज स्मृति से ली हैं।
- प्रयोग के आधार पर हिंदी शब्दों को दो भागों में किया विभक्त किया है।
- अध्यापक से हिंदी पढ़ाई है।
- पुलिस ने डाकुओं का पीछा किया गया।
- अध्यापक ने हमसे लेख लिखाया।
- डाकुओं से चौकी लूटी गई।
- मैं आम खाया गया।
- अध्यापक ने कहा गया कि कल सभी छात्र पुस्तकें न लाओ।
- मोहन ने घर गया और सोया।
शुद्ध
- प्रस्तुत पंक्तियाँ सरोज स्मृति से ली गई हैं।
- प्रयोग के आधार पर हिंदी शब्दों को दो भागों में विभक्त गया है।
- अध्यापक से हिंदी पढ़ी है।
- पुलिस के द्वारा डाकुओं का पीछा किया गया।
- अध्यापक ने हमसे लेख लिखवाया।
- डाकुओं द्वारा चौकी लूटी गई।
- मुझसे आम खाया गया।
- अध्यापक द्वारा कहा गया कि कल सभी छात्र पुस्तकें न लाएँ।
- मोहन घर गया और सो गया।
पुनरुक्ति की अशुद्धियाँ –
उपरलिखित तीन भेदों के अतिरिक्त वाक्य में कुछ ऐसी अशुद्धियाँ भी मिलती हैं, जिनके मूल में एक ही घटक को दो भिन्न रीतियों से एक साथ स्पष्ट किया गया है। जैसे-
मुझे केवल दस मात्र मिले। (अशुद्ध)
मुझे दस रुपए मात्र मिले। (शुद्ध)
प्रथम वाक्य में “मुझे केवल दस रुपए मात्र मिले” अशुद्ध है, क्योंकि दोनों रीतियों को एक साथ प्रयुक्त कर दिया गया है। ऐसी अशुद्धियों के मूल में पुनरावृत्ति या पुनरुक्ति की भावना रहती है। नीचे अनेक उदाहरणों से इसे स्पष्ट किया जा रहा है-
अशुद्ध :
- कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
- केवल मात्र महिलाओं के लिए आरक्षित।
- मैं सप्रमाण सहित बता रहा हूँ।
- सब यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
- यहाँ लगभग कोई एक दर्जन के करीब संतरे हैं।
- कश्मीर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
शुद्ध :
- आज का अवकाश देने की कृपा करें।
- केवल महिलाओं के लिए आरक्षित।
- मैं प्रमाण सहित बता रहा हैं।
- सब यहाँ सकुशल हैं। अथवा सब यहाँ कुशलतापूर्वक हैं।
- यहाँ लगभग एक दर्जन संतरे हैं।
- कश्मीर में अनेक दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं।
वाक्य संशोधन संबंधी कुछ अन्य प्रमुख उदाहरण :
संज्ञा का प्रयोग –
(क) अनावश्यक शब्द
अशुद्ध
- पुस्तक छापने की व्यवस्था का प्रबंध करें।
- मैं सोमवार के दिन यहाँ पहुँच जाऊँगा।
- आप अपनी प्रतिज्ञा के शब्दों पर अटल रहें।
- विजय के मन की थाह का पता नहीं चलता।
- मीनाक्षी जल से पौधों को सींचती थी।
- पिताजी का शरीर गद्गद हो गया।
- गुलामी की दासता किसे पसंद होगी?
शुद्ध :
- पुस्तक छापने की व्यवस्था करें।
- मैं सोमवार को यहाँ पहुँच जाऊँगा।
- आप अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहें।
- विजय के मन का पता नहीं चलता।
- मीनाक्षी पौधों की सींचती थी।
- पिताजी गद्गद हो गए।
- गुलामी किसे पसंद होगी?
(ख) अनुपयुक्त शब्द
अशुद्ध :
- पतिव्रता नारी को छूने का उत्साह कौन करेगा।
- रोगी के पसीने की संख्या बढ़ती गई।
- मनीषा ने गीत की दो-चार लड़ियाँ गाई।
- इस समस्या की औषध उसके पास है।
- गले में पराधीनता की बेड़ियाँ पड़ी रही हैं।
- हिंदी के प्रचार में अब भी बड़े-बड़े संकट हैं।
- उनका रहन-सहन का दरजा ऊँचा है।
- प्रेम करना तलवार की नेंक पर चलना है।
- वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देती।
- कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
- उसके पास रुपए की बड़ी संख्या है।
- उन्होंने अपनी शराफत का पूरा तजरुबा दिया।
- हमने यह काम करके बड़ी अशुद्धि की।
- इस की उत्पत्ति पिछले वर्ष हुई।
- हम अपने चित्त की आज्ञा पर चलते हैं।
- मेले में यात्रियों का तारतम्य नहीं टूटता था।
- मुझे सफल होने की निराशा है।
- सभा में क्रोध प्रकट किया गया।
- पिक्छले वर्ष यहाँ भूख की भारी घटनाएँ हुईं।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कथा चरितार्थ होती है।
- विष्णु पद में चंद्रमा को देखो।
- उसका मूड़ काट दिया।
- मकान गिर जाने का संदेह है।
शुद्ध
- पतिव्रता नारी को छूने का साहस कौन करेगा।
- रोगी के पसीने की मात्रा बढ़ती गई।
- मनीषा ने गीत की दो-चार कड़ियाँ गाईं।
- इस समस्या का हल उसके पास है।
- पैरों में पराधीनता की बेड़ियाँ पड़ी रही हैं।
- हिंदी के प्रचार में अब भी बड़ी-बड़ी बाधाएँ हैं।
- उनके रहन-सहन का स्तर ऊँचा है।
- प्रेम करना तलवार की धार पर चलना है।
- वह मेरी बात पर ध्यान नहीं देती।
- कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है।
- उसके पास रुपए की बहुतायत है।
- उन्होंने अपनी शराफत का पूरा सबूत दिया।
- हमने यह काम करके बड़ी भूल की।
- इस यंत्र का आविष्कार पिछले वर्ष हुआ।
- हम अपने अन्तःकरण की आज्ञा पर चलते हैं।
- मेले में यात्रियों का तांता लगा था।
- मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
- सभा में रोष प्रकट किया गया।
- पिछले वर्ष यहाँ भुखररी की भारी घटनाएँ हुई।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है।
- आकाश में चंद्रमा को देखो।
- उसका सिर काट दिया।
- मकान गिर जाने का डर है।
(ग) अनियमित शब्द
अशुद्ध:
- मैंने उसे एक पुस्तक समर्पण की।
- मैंने ऐसा करना पहले से निश्चय कर रखा था।
- फसल नाश हो गई।
- मुझे ईश्वर पर आत्म-विश्चास है।
- यह बात निश्चय रूप से नहीं कही जा सकती।
- यह शब्द लोप हो गया।
शुद्ध
- मैंने उसे एक पुस्तक समर्पित की।
- मैंने ऐसा करना पहले से निश्चित कर रखा था। फसल नष्ट हो गई।
- मुझे ईश्वर पर विश्वास है।
- यह बात निश्चित रूप से नहीं कही जा सकती।
- यह शब्द लुप्त हो गया।
विशेषण का प्रयोग –
(क) अनावश्यक शब्द
अशुद्ध :
- तुम सबसे सुन्दरतम हो।
- वहाँ कोई एक जगह नहीं है।
- किसी और दूसरे लड़के को भेज दो।
- पुरुषों ने अपना साहस न छोड़ा।
- यह सबसे उत्तम है।
- इसमें समस्त प्राणीमात्र का कल्याण है।
- प्राय: सभी लोग ऐसा मानते हैं।
शुद्ध
- तुम सबसे सुन्वर हो।
- वहाँ कोई जगह नहीं है।
- किसी और लड़के को भेज दो।
- पुरुषों ने साहस न छोड़ा।
- यह उत्तम है।
- इसमें प्राणीमात्र का कल्याण है।
- प्राय: लोग ऐसा मानते हैं।
(ख) अनुपयुक्त शब्द
अशुद्ध :
- मुझे भारी प्यास लगी है।
- उसे बेशुमार कष्ट उठाना पड़ा।
- जीवन और साहित्य का घोर संबंध है।
- वह आरोग्य हो गया।
- वे बड़े अच्छे अध्यापक हैं।
- वहाँ भारी-भरकम भीड़ जमा थी।
- गोपाल तो निपट खिलाड़ी है।
- यह एक गहरी समस्या है।
- वह अपना भावी जीवन यही बिताएँगे।
- उसकी तबीयत नाशाद है।
शुद्ध :
- मुझे बहुत प्यास लगी है।
- उसे बहुत कष्ट उठाना पड़ा।
- जीवन और साहित्य का घनिष्ठ संबंध है।
- वह नीरोग हो गया।
- वे बहुत अच्छे अध्यापक हैं।
- वहाँ बहुत भीड़ जमा थी।
- गोपाल तो पूरा खिलाड़ी है।
- यह एक गंभीर समस्या है।
- वह अपना शेष जीवन यहीं बिताएँगे।
- उसकी तबीयत नासाज है।
(ग) अनियमित शब्द
अशुद्ध :
- किसी ने अपना-अपना पाठ याद नहीं किया।
- सब लोग अपनी राय दें।
- तीन-तीन मील पर एक-एक सराय थी।
- प्रत्येक को चार-चार रुपए दो।
- तुम मुझे अपनी छोटी-सी बहन समझो।
- सब ये काम कर लो।
- अच्छा ऐसा लड़का कभी नहीं देखा।
शुद्ध :
- किसी ने अपना पाठ याद नहीं किया।
- सब लोग अपनी-अपनी एक सलाह दें।
- तीन-तीन मील पर एक सराय थी।
- प्रत्येक को चार रुपए दो।
- तुम मुझे अपनी छोटी बहन समझो।
- ये सब काम कर लो।
- ऐसा अच्छा लड़का कभी नहीं देखा।
सर्वनाम का प्रयोग –
(क) अनावश्यक शब्द
अशुद्ध
- डाकुओं का सरदार वह अलीबाबा था।
- उनकी अपनी प्रखर बुद्धि हर काम में प्रकट होती है।
शुद्ध
- डाकुओं का सरदार अलीबाबा था।
- उनकी प्रखर बुद्धि हर काम में प्रकट होती है।
(ख) अनुपयुक्त शब्द
अशुद्ध
- दूध में कौन पड़ गया?
- वह निज में वहाँ जाना नहीं चाहता।
- तुम तो आ गए, पर आपका सामान नहीं आया।
शुद्ध
- दूध में क्या पड़ गया?
- वह स्वयं वहाँ जाना नहीं चाहता।
- आप तो आ गए, पर आपका सामान नहीं आया।
(ग) अनियमित शब्द
अशुद्ध
- मैं उन्हीं से बातें करने लगा।
- यह लोग क्या कर रहे हैं?
- यह भले आदमी हैं।
- तुम तुम्हारे घर चले आओ।
शुद्ध
- मैं उनसे बातें करने लगा।
- ये लोग क्या कर रहे हैं?
- ये भले आदमी हैं।
- तुम अपने घर चले जाओ।
क्रिया का प्रयोग –
(क) अनावश्यक क्रियापद –
अशुद्ध
- घर में कैसा वातावरण उपस्थित है?
- इसको दंगा कहकर पुकारना अनुचित है।
- वह विलाप करके रोने लगा।
- इस बात का स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता है।
शुद्ध
- घर में कैसा वातावरण है?
- इसको दंगा कहना अनुचित है।
- वह विलाप करने लगा।
- इस बात के स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।
(ख) आवश्यक शब्द –
अशुद्ध
- उसका रूप और व्यवहार और बातें सुमकर मन मुग्ध मुग्ध
- वह सीना, पिरोना, संगीत और हिंदी पढ़ती है।
- मैंने उसका गाना और रूप देखा।
शुद्ध
- उसका रूप और व्यवहार देखकर और बातें सुनकर मन हो गया। हो गया।
- वह सीना, पिरोना और संगीत सीखती है तथा हिंदी पढ़ती है।
- मैंने उसका गाना सुना और रूप देखा।
(ग) अनुपयुक्त क्रियापद –
अशुद्ध
- कॉलेज बंद होने की संभावना की जा रही है।
- पगड़ी ओढ़ कर जाओ।
- माला गूँध लो।
- यह लड़का कार हाँक सकता है।
- उपस्थित लोगों ने संकल्प किया।
- उसने अपने पाँव से जूते निकाले।
- मैं खेलना माँगता हूँ।
- उसे वहाँ नौकरी पा गई।
- उसने मुझे गालियाँ निकाली।
- मैंने उसकी नाक पर मुक्का दिया।
- नदी पार हो गई।
- हमें यह सावधानी लेनी होगी।
- इसका मूल्य नापा या तोला नहीं जा सकता।
- इस पत्र में कहा है कि
शुद्ध
- कॉलेज बंद होने की संभावना है।
- पगड़ी बाँध कर जाओ।
- माला पूँथ लो।
- यह लड़का कार चला सकता है।
- उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया।
- उसने अपने पाँव से जूते उतारे।
- मैं खेलना चाहता हूँ।
- उसे वहाँ नौकरी मिल गई।
- उसने मुझे गालियाँ दीं।
- मैंने उसकी नाक पर मुक्का मारा।
- नदी पार कर ली।
- हमें यह सावधानी बरतनी होगी।
- इसका मूल्य आँका नहीं जा सकतम।
- इस पत्र में लिखा है कि
(घ) संयुक्त क्रिया –
अशुद्ध
- ब्राहमण वेद अध्ययन करता है।
- मैं यह स्वीकृत करता हूँ।
- यह सुनते ही उसका चेहरा गिर गया।
- वह रुपया नहीं पा पायृ।
- उसने देश को भारी संकट से रोक विया।
- पूनम हैस डाली।
- वह उठने लग पड़ा।
- मैं उसे सब कुछ समझा लूँगा।
- तबीयत ऊबं आती है।
- यह काम अच्छा हो पड़ा है।
शुद्ध
- ब्राह्मण वेद का अध्ययन करता है।
- मैं यह स्वीकार करता हूँ।
- यह सुनते ही उसका चेहरा उतर गया।
- वह रुपया नहीं ले पाया।
- उसने देश को भारी संकट से बचां लिया।
- पूनम हैस पड़ी।
- वह उठने लगा।
- मैं उसे सब कुछ समझा वूँगा।
- तबीयत ऊब जाती है।
- यह काम अच्छा बन पड़ा है।
(ङ) मुहावरे –
अशुद्ध
- उन्होंने उसकी आड़े हाथों खबर ली।
- उसका सिर शर्म से उड़ गया।
- नौकरी पाने के लिए वह नाक घिसता फिरता है।
- अपना दोष दूसरों के सिर क्यों जड़ती हो।
- हम देश के लिए जान पर कुर्बान हो जाएँगे।
- घर से बाहर आओ तो तुम्हें मजा विलाऊँ।
- उस पर घड़ों पानी गिर गया।
शुद्ध
- उन्होंने उसे आड़े हाथों लिया।
- उसका सिर शर्म से झुक गया।
- नौकरी पाने के लिए वह नाक रगड़ता फिरता है।
- अपना दोष दूसरों के सिर क्यों मढ़ती हो।
- हम देश के लिए जान पर खेल जाएँगे।
- घर से बाहर आओ तो तुम्हें मजा चखाऊँ।
- उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
(च) अनियमित प्रयोग –
अशुद्ध
- तू आई हो।
- आप जा सकता है।
- किसी का साहस नहीं है कि वह जाएगा।
- मैं चाहता हूँ कि आप छुट्टी ले लेता।
- सब काम करना होंगे।
- वह खाना खा करके जाएगी।
- सब चिंता दूर. होकर मन शांत हो गया।
- मैं चलता-चलता रुक गया।
शुद्ध
- तू आई है।
- आप जा सकते हैं।
- किसी का साहस नहीं है कि वह जाए।
- मैं चाहता हूँ कि आप छुट्टी लें लें।
- सब काम करने होंगे।
- वह खाना खाकर जाएगी।
- सब चिंता दूर होने से मन शांत हो गया।
- मैं चलते-चलते रुक गया।
संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण का विभक्ति रूप –
अशुद्ध
- वह अपने दादे के साथ मेला देखने गया।
- इस पेशा के लोग कम मिलेंगे।
- कोई व्यक्ति की हानि न होने पाए।
- अपना आचरण और सभ्यता को बचाने का प्रयास करें।
- शत्रु ने गोले और.तोपों से हमला किया।
- उसका आशों पर पानी पड़ गया।
- वहाँ चार स्त्रियाँ और तीन बालक का वध किया गया।
- हम सवेरा से खड़े हैं।
शुद्ध
- वह अपने दादा के साथ मेला देखने गया।
- इस पेशे के लोग कम मिलेंगे।
- किसी व्यक्ति की हानि न होने पाए।
- अपने आचरण और सथ्यता को बचाने का प्रयास करें।
- शत्रु ने गोलों और तोपों से हमला किया।
- उसकी आशाओं पर पानी. फिर गया।
- वहाँ चार स्त्रियों और तीन बालकों का वध किया गया।
- हम सवेरे से खड़े हैं।
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया का लिंग –
अशुद्ध
- सदा सच बोलना उसकी आदत था।
- इस काम में मुझे मजा आती है।
- बेटी पराये घर का धन होता है।
- राम और सीता वन को गई।
- बर्फ से नलें फट गई।
- परीक्षा की प्रणाली बदलना चाहिए।
- यह शरीर नष्ट हो जाएगी।
- हिंदी की शिक्षा अनिवार्य कर दिया।
- यह बात एक उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है।
- इस कवि में जवानी के मिठास के प्रति मोह है।
- गलियों को चौड़ी करना आवश्यक हो गया।
- गुलाब का फूल आनंद की वस्तु होती है।
- दसवें रात को वह चला गया।
- दंगे में युवा, नर, बालक, नारी सब पकड़ी गई।
शुद्ध
- सदा सच बोलना उसकी आदत थी।
- इस काम में मुझे मजा आता है।
- बेटी पराए घर का धन होती है।
- राम और सीता वन को गए।
- बर्फ से नल फट गए।
- परीक्षा की प्रणाली बदलना चाहिए।
- यह शरीर नष्ट हो जाएगा।
- हिंदी की शिक्षा अनिवार्य कर दी।
- यह बात एक उदाहरण से स्पष्ट की जा सकती है।
- इस कवि में जवानी की मिठास के प्रति मोह है।
- गलियों को चौड़ा करना आवश्यक हो गया।
- गुलाब का फूल आनंद की वस्तु होता है।
- दसवीं रात को वह चला गया।
- दंगें में बालक, युवा, नर, नारी सब पकड़े गए।
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया का वचन –
अशुद्ध
- राजा साहब बजरों पर बैठकर गए।
- वे लोग विविध विषय से परिचित थे।
- लड़की लोग बैठा था।
- अनुशासन के बिना व्यक्ति अपने चरित्रों को खो देता है।
- उसने अनेक प्रकार की विद्या सीखी।
- आज शाम तक चार गिरफ्तारी हुईं।
- हर एक ने टोपियाँ पहन रखी थीं।
- चारों वेदों का नाम बताओ।
- मेरा तो प्राण निकल गया।
- 72 हजार का नोट चोरी हो गया।
- दो पुरस्कार एक विद्यार्थी को नहीं मिलेगा।
- हमारे सामानों का ख्याल रखना।
- महात्माजी का दर्शन करके मैं धन्य हो गई।
- कपड़े उतार कर रख दिया।
शुद्ध
- राजा साहब बजरे पर बैठकर गए।
- वे लोग विविध विषयों से परिचित थे।
- लड़कियाँ बैठी थीं।
- अनुशासन के बिना व्यक्ति अपने चरित्र को खो देता है।
- उसने अनेक प्रकार की विद्या सीखीं।
- आज शाम तक चार गिरफ्तारियाँ हुई।
- हर एक ने टोपी पहन रखी थी।
- चारों वेदों के नाम बताओ।
- मेरे तो प्राण निकल गए।
- 72 हजार के नोट चोरी हो गए।
- दो पुरस्कार एक विद्यार्थी को नहीं मिलेंगे।
- हमारे सामान का ख्याल रखना।
- महात्मा जी के दर्शन करके मैं धन्य हो गई।
- कपड़े उतार कर रख दिए।
परसर्ग
(क) आवश्यक –
अशुद्ध
- आप अवश्य सुने होंगे।
- मैं कुछ-का-कुछ लिख दिया हूँ।
- वह दौड़ी हुई गई और वह दवा माँगी।
- वह इसी कारण नदी में डूब कर जान दे दिया।
- सरकार यह काम करवाना चाही।
- लड़के ने भोजन करके स्कूल गया।
- कृष्ण ने गोपियों के साथ नाचा।
- राम के नाम को लेकर चल पड़ा।
- सत्याग्रही बड़ी-बड़ी यातनाओं को सहते रहे।
- यह पद कई भावों को प्रकृ करता है।
- हमें बहुत-सी बातों को सीखना है।
- भोजन को स्वादिष्ट होना चाहिए।
शुद्ध
- आपने अवश्य सुना होगा।
- मैंने कुछ-का-कुछ लिख दिया है।
- वह दौड़ी हुई गई और उसने दवा माँगी।
- उसने इसकी कारण नदी में डूबकर जान दे दी।
- सरकार ने यह काम करवाना चाहा।
- लड़का भोजन करके स्कूल गया।
- कृष्ण गोपियों के साथ नाचे।
- राम का नाम लेकर चल पड़ा।
- सत्याग्रही बड़ी-बड़ी यातनाएँ सहते रहे।
- यह पद कई भाव प्रकट करता है।
- हमें बहुत-सी बातें सीखनी हैं।
- भोजन स्वादिष्ट होना चाहिए।
(ख) अनुपयुक्त –
अशुद्ध :
- हमने यह काम करना है।
- यह चीज उसने दे दो।
- मुझे तो आप सब एक समान हैं।
- सबको भगवान को पूजना चाहिए।
- मैं अपने पिता को भी नहीं डरता।
- मैं आपको कृतज्ञ हूँ।
- आठ बजने को दस मिनट हैं।
- उसने मुझे खाने को बुलाया।
- फिर कुछ देर से उसने उत्तर दिया।
- उसने अपनी पत्नी का गला घोंटकर मार डाला।
- मैंने उसे बैठने की कुर्सी दी।
- मैं आप की श्रद्धा करता हूँ।
- फोड़े में मरहम लगा दिया गया।
- वह पेड़ में बैठी है।
- वह नदी में पानी भरने गई है।
- उसे आने में रोक दिया गया।
- मुझ पर कोई लाचारी नहीं है।
- आप मेरे ऊपर दया करते।
शुद्ध :
- हमें यह काम करना है।
- यह चीज उसको दे दो।
- मेरे लिए आप सब एक समान हैं।
- सबको भगवान की पूजा करनी चाहिए।
- मैं अपने पिता से भी नहीं डरता।
- मैं आपका कृतज्ञ हूँ।
- आठ बजने में दस मिनट हैं।
- उसने मुझे खाने पर बुलाया।
- फिर कुछ देर बाद उसने उत्तर दिया।
- उसने अपनी पत्नी को उसका गला घोंटकर मार डाला।
- मैंने उसे बैठने के लिए कुर्सी दी।
- मैं आप पर श्रद्धा रखता हूँ।
- फोड़े पर मरहम लगा दिया गया।
- वह पेड़ पर बैठी है।
- वह नदी से पानी भरने गई है।
- उसे आने से रोक दिया गया।
- मेरी कोई लाचारी नहीं है।
- आप मुझ पर दया कीजिए।
(क) योजक अनावश्यक –
अशुद्ध
- मैं पहुँचा ही था जब कि वह आ गया।
- प्राय: करके ऐसा होता है।
- जो धन का भूखा है, फिर वह साधु नहीं है।
- संदूक में कागज-पत्र और आदि चीजें हैं।
शुद्ध
- मैं पहुँचा ही था कि वह आ गया।
- प्राय: ऐसा होता है।
- जो धन का भूखा है, वह साधु नहीं है।
- संदूक में कागज-पत्र आदि चीजें हैं।
अनुपयुक्त-
- आपने अच्छा किया जब मुझे सूचना दे दी।
- जल्दी चलें कि मास्टर जी अप्रसन्न हो जाएँगे।
- मजदूर खूब काम करता है क्योंकि उसे अच्छा पैसा मिले।
- कृष्ण स्कूल नहीं गयो कि।उसके पिता बीमार थे।
शुद्ध
- आपने अच्छा किया कि मुझे सूचना दे दी।
- जल्दी चलें नहीं तो मास्टर जी अप्रसन्न हो जाएँगे।
- मजदूर खूब काम करता है ताकि उसे अच्छ पैसा मिले।
- कृष्ण स्कूल नहीं गया क्योंकि उसके पिता बीमार थे।
(ख) क्रिया-विशेषण
अनावश्यक –
अशुद्ध
- उसके बाद वे वापस लौट आए।
- लड़के केवल चाय ही ले सकते हैं।
- वह अत्यंत ही सुंदर है।
- इधर आजकल यह देखने में आया।
- ये लोग परस्पर एक-दूसरे को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।
- सारे देश भर में रोष प्रकट किया गया।
शुद्ध
- उसके बाद वे वापस आ गए।
- लड़के केवल चाय ले सकते हैं।
- वह अत्यंत सुंदर है।
- इधर यह देखने में आया।
- ये लोग एक-दूसरे को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।
- सारे देश में रोष प्रकट किया गया।
अनुपयुक्त –
अशुद्ध
- देश में संत्रु शांति है।
- एकमात्र दो उपाय हैं।
- वह उदास चेहरे से चल दी।
- वह बड़ा आगे बढ़ गया।
- उसने उसकी सभी कहीं निदा करनी शुरू कर दी।
- मुझे वह रात उसकी छत के नीचे काटनी पड़ी।
शुद्ध
- देश में सर्वत्र शांति है।
- केवल दो उपाय हैं।
- वह उदास होकर चल दी।
- वह बहुत आगे बढ़ गया।
- उसने उसकी हर जगह निंदा करनी शुरू कर दी।
- मुझे वह रात उसके यहाँ काटनी पड़ी।
कुछ मिले-जुले वाक्य –
अशुद्ध
- मेरा भाई प्रोफेसर लगा हुआ है।
- मेरी पुत्री गाता है।
- द्वार पर कोई लड़कियाँ खड़ा है।
- सभी बच्चा व्यस्त हैं।
- हमारे दोनों चाचे आए।
- नंदिनी अच्छा लड़की है।
- मेरे से दूध नहीं पिया जाता।
- मंत्री ड्राइवर को कार चलवाता है।
- एक फूल की माला लाओ।
- वह छात्रा बेलायक है।
- लकड़ीहारा वन को गया।
- पाठ पढ़ते अच्छे लड़के हैं।
- तुम और मैं घूमने जाऊँगा।
- फूलों का गुच्छा मोहक थे।
- शकुंतला चंद्रमुख थी।
- मैं फल खाए।
- हमारे नाव किनारे से लगा।
- मैं आपको मिलकर प्रसन्न हुआ।
- मैं तुम्हारा गाना नहीं सुनना माँगता।
- सब लड़का रो पड़ा।
- वह अभी तक नहीं पहुँचा, उसने इसी गाड़ी से जाना था।
- हमने इसको विचार किया।
- आपकी बात सुनकर मैं विस्मय हूँ।
- जब भी आप आंओ, मुझसे मिलो।
- आपको अभी बहुत बातें सीखना है।
- लड़का ने पत्र लिखा।
- बालक छत में खेल रहे हैं।
- मोहन ने रोटी खाया।
- केवल यहाँ दो पुस्तकें हैं।
- एक गीतों की किताब ला दीजिए।
- मैंने भी आपके साथ चलना है।
- यह तो मेरा पुस्तक है।
- मैंने तेरे को पुस्तक दी थी।
- तुम्हारा थैला बहुत भारा है।
- संभवतः वह आज अवश्य आएगा।
- कल तुमने घर में क्या करा था?
- मैं तुम्हारी सौंदर्यता पर मुग्ध हूँ।
- मैंने भी आपके साथ चलना है।
- वह लंबी और गोरी चिट्टा नवयुवती है।
- राम, लक्ष्मण और सीतां वन को गई।
- राम ने एक बर्फी और दो रसगुल्ले खिलाई।
- मुझसे भात नहीं खाई जाती।
- लड़कियों से नाचा नहीं जाती।
- काले, नीली और पीली कलियाँ अच्छी लगती हैं।
- संजय ने पुस्तकें पढ़ी।
- अध्यापिकाओं ने छात्राओं को पढ़ाती थीं।
- खरगोश को काटकर गाजर खिलाओ।
- उत्तम चरित्र-निर्माण हमारे लक्ष्य होन चाहिए।
- सुरेश को, योगेश को और मोहन को कल मैंने साथ-साथ देखा था।
शुद्ध
- मेरे भाई साहब प्रोफेसर हैं।
- मेरी पुत्री गाती है।
- द्वार पर कुछ लड़कियाँ खड़ी हैं।
- सभी बच्चे व्यस्त हैं।
- हमारे दोनों चाचा आए।
- नंदिनी अच्छी लड़की है।
- मुझ से दूध नहीं पिया जाता।
- मंत्री ड्राइवर से कार चलवाता है।
- फूलों की एक माला लाओ।
- वह छात्रा नालायक है।
- लकड़हारा वन को गया।
- अच्छे लड़के पाठ पढ़ते हैं।
- तुम और मैं घूमने जाएँगे।
- फूलों का गुच्छा मोहक था।
- शकुंतला चंत्रमुखी थी।
- मैंने फल खाए।
- हमारी नाव किनारे से लगी।
- मैं आपसे मिलकर प्रसन्न हुआ।
- मैं तुम्हारा गाना नहीं सुनना चाहता।
- सब लड़के रो पड़े।
- वह अभी तक नहीं पहुँचा, उसे इसी गाड़ी से जाना था।
- हमने इस पर विचार किया।
- आपकी बात सुनकर मैं विस्मित हूँ।
- जब भी आप आएँ, मुझसे मिलें।
- आपको अभी बहुत बातें सीखनी हैं।
- लड़के ने पत्र लिखा।
- बालक छत पर खेल रहे हैं।
- मोहन ने रोटी खाई।
- यहाँ केवल दो पुस्तकें हैं।
- गीतों की एक किताब ला दीजिए।
- मुझ भी आपके साथ चलना है।
- यह तो मेरी पुस्तक है।
- मैंने तुम्हें पुस्तक दी थी।
- तुम्हारा थैला बहुत भारी है।
- संभवतः वह आज आएगा।
- कल तुमने घर में क्या किया था?
- मैं तुम्हारी सुंदरता पर मुग्ध हूँ।
- मुझे भी आपके साथ चलना है।
- वह लंबी और गोरी-चिट्टी नवयुवती है।
- राम, लक्ष्मण और सीता वन को गए।
- राम ने एक बर्फी और दो रसगुल्ले खिलाए।
- मुझसे भात नहीं खाया जाता।
- लड़कियों से नाचा नहीं जाता।
- काली, नीली और पीली कलियाँ अच्छी लगती हैं।
- संजय ने पुस्तकें पढ़ी।
- अध्यापिकाएँ छात्राओं को पढ़ाती थीं।
- गाजर काटकर खरगोश को खिलाओ।
- उत्तम चरित्र-निर्माण हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
- मैंने सुरेश, योगेश और मोहन को कल साथ-साथ देखा था।