CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

CBSE Class 6 Hindi Vyakaran वर्ण-विचार

 

  • वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है।
  • भाषा में ‘वर्ण’ शब्द का प्रयोग ध्वनियों और ध्वनि-चिहनों दोनों के लिए होता है।
  • वर्ण ध्वनियों के उच्चरित और लिखित दोनों रूपों के प्रतीक हैं।
  • वर्ण को अक्षर भी कहते हैं।
  • वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।
  • वर्णों के और टुकड़े नहीं किए जा सकते।

वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकें, वर्ण कहलाती है।

वर्णमाला (Alphabet) :

वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला को दो भागों में बाँटा गया है-(1) स्वर (Vowel), (2) व्यंजन (Consonant)

मानक हिंदी वर्णमाला :

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 5
अनुस्वार : CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 2 अं
विसर्ग :  : अ:

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 6

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 7

स्वर (Vowels) :

जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी रुकावट के तथा बिना किसी वर्ण की सहायता से होता है, उन्हें स्वर कहते हैं। उच्चारण की दृष्टि से स्वर स्वतंत्र हैं जबकि व्यंजनों के उच्चारण में स्वर सहायक होते हैं।

उपर्युक्त परिभाषा के अनुसार हिंद्री में निम्नलिखित स्वर हैं-

अ  आ  इ  ई  उ  ऊ  (ऋ)  ए  ऐ  ओ  औ

‘ॠ’ का उच्चारण ‘रि’ के रूप में होता है। ॠ की मात्रा CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 1 भी होती है अतः इसे स्वरों में गिना जाता है। ‘ॠ्र’ का प्रयोग केवल तत्सम (संस्कृत) शब्दों में होता है; जैसे- तुत, ॠण, ॠषि।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

हिंदी वर्णमाला में अं और अ: को स्वरों के साथ लिखा जाता है, पर वास्तव में अं अनुस्वार है CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 2 और अ: विसर्ग (:) है।
इन्हें स्वरों में गिन लिया जाता है। पर ये वास्तव में अयोगवाह हैं।
स्वर के बाद ही इनका प्रयोग होता है; जैसे-अंक, इंगित, प्रातः नमः, प्रायः।

ऑ, – आजकल अंग्रेजी प्रभाव के कारण ‘ऑ’ आगत ध्वनि हिंदी वर्णमाला में अपना स्थान बना चुकी है। यह ‘आ’ और ‘ओ’ के बीच की ध्वनि है; जैसे-बॉल, डॉक्टर, हॉकी आदि।

स्वर के भेद (Kinds of Vowels) :

उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर स्वरों को दो भागों में बाँट सकते है-
1. हस्व स्वर (Short vowels)।
2. दीर्घ स्वर (Long vowels)।

आइए, अब हम इनके बारे में जानें-

1. हैस्व स्वर-जिन स्वरों को सबसे कम समय (एक मात्रा) में उच्चरित किया जाता है, उन्हें हस्व स्वर कहते हैं। ये हैं- अ इ उ (ॠ्त्रि)

हस्व ‘ऋ’ को प्रयोग केवल संस्कृत के तत्सम शब्दों में होता है, जैसे-ऋषि, ॠतु, कृषि आदि। हस्व स्वरों को ‘मूल स्वर’ भी कहते हैं।
2. दीर्घ स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण में हस्व स्वरों से अधिक (लगभग दुगुना) समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। ये स्वर हैं-आ ई क ए ऐ ओ औ

ये स्वर हस्व स्वरों के दीर्घ रूप नहीं हैं, वरन् स्वतंत्र ध्वनियाँ हैं। इन स्वरों में ए तथा औ का उच्चारण संयुक्त स्वर रूप में भी है, जैसे-‘ऐ’ में ‘अ + इ’ दो स्वरों का संयुक्त रूप है। यह उच्चारण तब होता है जब बाद में क्रमशः ‘य’ और ‘व’ आएँ, जैसे -भैया = भइया, कौआ, = कठवा

शेष स्थिति में ‘ऐ’ और ‘औ’ कां उच्चारण शुद्ध स्वर की भाँति होता है; जैसे-मैल, कैसा, औरत, कौन आदि। उच्चारण की दृष्टि से हस्व और दीर्घ का अंतर महत्वपूर्ण है। हस्व के स्थान पर दीर्घ और दीर्घ के स्थान पर हस्व का उच्चारण करने तथा लिखने से अर्थ में भेद हो जाता है; जैसे-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 8

अब इन्हें भी समझें

अनुनासिक स्वर (Semi-Nasal Vowels) :

सभी स्वरों का उच्चारण दो प्रकार से हो सकता है-
(क) केवल मुख से (only from mouth)
(ख) मुख और नासिका दोनों से (both from mouth and nose)
पहले प्रकार के स्वरों को निरनुनासिक कहते हैं, जबकि दूसरे प्रकार के स्वरों को अनुनासिक स्वर कहते हैं। अनुनासिक स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से होता है।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

इस स्वर के लिखने में चंद्रबिंदु CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 3 का प्रयोग किया जाता है; किन्तु जब स्वर की मात्रा शिरोरेखा के ऊपर लगती है, तब चंद्रबिंदु के स्थान पर केवल CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 4 का प्रयोग किया जाता है। जैसे-आँख, कहीं, पाँत, गोंद।

नीचे उदाहरण देखें-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 9

अनुस्वार (Nasals) :

जिस स्वर का उच्चारण करते समय हवा केवल नाक से निकलती है और उच्चारण कुछ जोर से किया जाता है तथा लिखते समय ऊपर केवल बिंदु CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 4 लगाया जाता है, उसे अनुस्वार कहते हैं। जैसे-कंठ, चंचल, मंच, अंधा, बंदर, कंघा।

अनुनासिक स्वर CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 3 और अनुस्वार CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 4 में मूल अंतर यही है कि अनुनासिक स्वर स्वर है, जबकिं अनुस्वार अनुनासिक व्यंजन का एक रूप है।
अब हिंदी में उसी वर्ग के पंचमाक्षर के स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग किया जाता है, जैसे-संकल्प, टंकार, संबोधन आदि।

अयोगवाह (After sounds)
अनुस्वार CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 4 और विसर्ग (:) दोनों ध्वनियाँ न स्वर हैं और न व्यंजन। इन दोनों के साथ योग नहीं हैं; अत: ये अयोगवाह कहलाती हैं। ये केवल दो हैं-अं और अः।

हिंदी वर्णमाला के अनुसार इन्हें स्वरों के साथ रखा जाता है; किंतु ये स्वर ध्वनियाँ नहीं हैं। संस्कृत व्याकरण की परंपरा में इन्हें अयोगवाह कहते हैं। इनका उच्चारण व्यंजनों के उच्चारण की तरह स्वर की सहायता से ही होता है। अयोगवाह के उच्चारण से पूर्व स्वर आता है। स्वर एवं व्यंजनों के मध्य की स्थिति होने के कारण ही इनको वर्णमाला में स्वरों के बाद स्थान दिया गया है।

विसर्ग-(:) विसर्ग का उच्चारण ‘ह’ व्यंजन के समान होता है, जैसे-स्वतः (स्वत्ह)।

विसर्ग का प्रयोग अधिकतर उन शब्दों में होता है, जो संस्कृत तत्सम रूप में हिंदी में आए हैं, जैसे प्रायः, अतः, मनःस्थिति, छि: आदि।
‘दुःख’ अब दुख लिखा जाने लगा है, पर ‘दुःखानुभूति’ में विसर्ग का प्रयोग होता है।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

व्यंजन (Consonants) :

जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकता अर्थात् इनके उच्चारण में स्वरों की सहायता ली जाती है, उन्हें व्यंजन कहते हैं।

व्यंजनों के उच्चारण में वायु का प्रवाह रुककर या घर्षण के साथ होता है।
व्यंजनों का उच्चारण सदा स्वर की सहायता से होता है;
जैसे-
क् + अ = क,  प् + अ = प

व्यंजनों के भेद :

उच्चारण स्थान के आधार पर (Places of Pronunciation)

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 10

1. स्पर्श व्यंजन-जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ मुँह के विभिन्न स्थानों का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहा जाता है। इनके उच्चारण में जीभ कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत, ओष्ठ स्थानों का स्पर्श करती है। स्पर्श व्यंजन निम्नलिखित हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 11

ङ, ञ, ण, न, म-व्यंजन वर्णों का उच्चारण नासिका के साथ-साथ क्रमशः कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत, ओष्ठ के स्पर्श से होता है। इन्हें नासिका व्यंजन भी कहते हैं।
ड़ और ढ़ वर्ण शब्द के आरंभ में नहीं आते, लेकिन मध्य और अंत में इनका प्रयोग होता है; जैसे-पड़ना, पीड़ा, बड़ा, पढ़ाई, बढ़ा।
ड-ड़ और ढ-ढ़ का अंतर समझना आवश्यक है; जैसे-डाकू-सड़क, कीचड़; ढक्कन, चढ़ाई, बूढ़ा।

2. अंतस्थ व्यंजन-अंतस्थ का अर्थ है-स्वर और व्यंजन के बीच में स्थित। इनका उच्चारण जीभ, तालु, दाँत और होलें के निकट आने से होता है किंतु श्वास में रुकावट कम होती है।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

इनकी संख्या चार है-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 12

इन वर्णों में ‘य’ और ‘व’ अर्ध स्वर हैं।

3. ऊष्म व्यंजन-उनका उच्चारण रगड़ या घर्षण से उत्पन्न वायु से होता है। रगड़ खाने से ऊष्मा (गरमी) सी पैदा होती है। इनकी संख्या चार है-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 13

‘श’ के उच्चारण में जीभ तालु को और ‘स’ के उच्चारण में दाँतों की जड़ को छूती है। ‘ष’ को मूर्धन्य वर्ण कहा जाता है, किंतु अब इसका उच्चारण ‘श’ की भाँति ही होता है। यह वर्ण संस्कृत के तत्सम शब्दों के लिखने में होता है; जैसे-दोष, विषम, पुरुष, संघर्ष।
4. आगत व्यंजन-हिंदी में कुछ दूसरी भाषाओं-अंग्रेजी, फ़ारसी, अरबी से कुछ शब्द आ गए हैं। इन शब्दों के शुद्ध उच्चारंण के लिए नीचे बिंदु लगाते हैं, जैसे-ज़, फ़, ज़रा, ज़ोर, ज़ेबरा, फ़ौरन, रफ़ू।
5. संयुक्त व्यंजन-दो व्यंजनों के संयोग से बनने वाले व्यंजन संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं। इनकी संख्या चार है-

क्ष (क् + ष) – क्षमा, क्षत्रिय, क्षेत्र
ज्ञ (ज् + ज) – ज्ञान, यज्ञ, ज्ञात
त्र (त् + र) – त्रिभुज, त्रिशूल, त्रिलोक
श्र (श् + र) – श्रम, श्रेणी, श्रुतलेख
प्रयत्न के आधार पर (Manner of Articulation)
व्यंजन ध्वनियों के उच्चारण में श्वास का कंपन, श्वास की मात्रा तथा जिह्वा आदि अवयवों द्वारा श्वास के अवरोध की प्रक्रिया का नाम प्रयत्न है। प्राय: यह प्रयत्न दो प्रकार से होता है-
1. स्वरतंत्री में साँस के कंपन के रूप में।
2. श्वास (प्राण) की मात्रं के रूप में।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

अब हम इन दोनों रूपों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे।
1. स्वरतंत्री में श्वास का कंपन-हमारे गले में दो झिल्लियाँ होती हैं, जो वायु के वेग से काँपकर बजने लगती हैं, इन्हें स्वरतंत्री कहते हैं। स्वर तंत्रियों में होने वाले कंपन के आधार पर व्यंजन वर्णों के दो भेद हैं-अघोष और सघोष।
(क) अघोष (Non-wavering Sound)-जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन नहीं होता, उन्हें अघोष कहते हैं। हिंदी की अघोष ध्वनियाँ ये हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 14

(ख) सघोष (Wavering Sound)-जिन ध्वनियों के उचारण में स्वररंत्रियों में कंपन होता है, उनको सघोष कहते हैं। हिंदी के सघोष व्यंजन हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 15

सभी स्वर सघोष होते हैं।

2. श्वास की मात्रा के आधार पर-इस आधार पर व्यंजनों के दो भेद किए जाते हैं-(क) अल्पप्राण (NonAspirated), (ख) महाप्राण (Aspirated)।
(क) अल्पप्राण (Non-Aspirated)-जिन ध्वनियों के उच्चारण मे श्वास (प्राणवायु) कम मात्रा में बाहर निकलती है, उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं। ये हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 16

(ख) महाप्राण (Aspirated)-जिन ध्वनियों के उच्चारण में श्वास वायु अधिक मात्रा में बाहर निकलती है, उन्हें महाप्राण कहते हैं। ये हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 17

न, म, ल-ध्वनियों के महाप्राण रूप क्रमशः न्ह, म्ह, ल्ह हैं। इनके लिए अलग से वर्ण-चिह्न नहीं हैं।

व्यंजन-गुच्छ :

व्यंजन-गुच्छ में दो या दो से अधिक व्यंजनों का संयोग होता है। उदाहरण के लिए-पक्का, मक्खन, कष्ट, प्यास, स्वास्थ्य आदि। इन्हें संयुक्त व्यंजन भी कहा जा सकता है। वैसे क्ष, त्र, ज्ञ, श्र-परंपरा प्राप्त संयुक्त व्यंजन हैं।

नीचे कुछ ऐसे शब्द दिए गए हैं, जिनमें व्यंजन-गुच्छ हैं-
1. संयुक्त व्यंजनों ( क्ष, त्र, ज्ञ, श्र.) का स्वतंत्र प्रयोग

अक्षर आज्ञा साक्षात ज्ञान स्वतंत्र श्रम त्रिभुज श्रेष्ठ

2. दो व्यंजनों का गुच्छ ( द्वित्व व्यंजन)

प्रसन्न उद्देश्य कच्चा पक्का सम्मान सज्जन

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

3. प्रथम अल्पप्राण और द्वितीय महाप्राण व्यंजन का संयुक्त रूप

उद्धार ‘ अच्छा प्रसिद्ध पत्थर मक्खन जत्था

4. अन्य उदाहरण

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 18

इन्हें भी समझें-‘र’ व्यंजन युक्त

जब ‘र’ (स्वर रहित) किसी व्यंजन के पूर्व हो, जैसे-कर्म, धर्म, वर्ष आदि।
जब ‘र’ (स्वर सहित) किसी व्यंजन के बाद हो, जैसे-प्रेम, क्रम आदि।
यही स्वर सहित ‘र’ ट और ड के साथ वर्तनी के साथ कुछ भिन्न रूप ले लेता है, जैसे-ट्रेन, ट्रक, ड्रम आदि।
दो व्यंजनों के त और श के साथ इसके विशिष्ट रूप बन जाते हैं-
त् + र = त्र त्रिशूल, त्रिभुज, यंत्र

श् + र = श्र श्रम, श्री, आश्रय

वर्ण-विच्छेद :

किसी शब्द में प्रयोग किए गए समस्त वर्णों को अलग-अलग करके लिखने को वर्ण-विच्छेद कहा जाता है; जैसे-

कमल – क् + अ + म् + अ + ल् + अ
पत्नी – प् + अ + त् + न् + ई
स्त्री – स् + त् + र् + ई
भारतीय – भ् + आ + र् + अ + त् + ई + य् + अ
बच्चा – ब् + अ + च् + च + आ

अक्षर (Letter) :

प्राय: ‘अक्षर’ शब्द का प्रयोग स्वरों और व्यंजनों के लिपि चिह्नों के लिए होता है, पर यहाँ ‘अक्षर’ का प्रयोग कुछ. भिन्न अर्थ में किया जा रहा है।

स किसी एक ध्वनि या ध्वनि-समूह की उच्चरित न्यूनतम इकाई को अक्षर कहते हैं। वह छोटी-से-छोटी इकाई अक्षर है, जिसका उच्चारण वायु के एक झटके से होता है।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

उदाहरण-आ, जी, क्या आदि।
हिंदी भाषा में अक्षर मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 19

हिंदी में एकाक्षरी शब्द भी प्रयुक्त होते हैं और अनेकाक्षरी भी। जैसे-

एकाक्षरी शब्द
खा, पी, हाँ, जा।

चार अछरी शब्द – आइएगा, प्रतिभाएँ।
दो अछरी शब्द – आओ, चला, खाया। पाँच अछरी शब्द – अध्यापिकाएँ।
तीन अछरी शब्द – आइए, महिला, चलिए, जाइए।
बलाघात (Stress)
किसी शब्द के उच्चारण में किसी अक्षर पर जो बल दिया जाता है, उसे बलाघात कहते हैं। किसी भी अंक्षर के सभी शब्द समान बल से नहीं बोले जाते।

जैसे- ‘राम’ शब्द में ‘रा’ पर बल है। ‘कबीर’ शब्द में ‘बी’ पर बल है।
बलाघात शब्द स्तर पर भी देखा जाता है, जैसे-
रोको, मत जाने दो।
आज मैं रामायण पढूँगा।
मैं रामायण कल पढूँगा।
अनुतान (Intonation)-बोलने में जो सुर का उतार-चढ़ाव (आरोह-अवरोह) होता है, उसे अनुतान कहते हैं। इसका महत्व शब्द एवं वाक्य दोनों स्तरों पर है। ‘अच्छा़’ शब्द की विभिन्न अनुतान से-

अच्छा – सामान्य कथन/स्वीकृति
अच्छा ? – प्रश्नवाचक
अच्छा ! – आश्चर्य

संगम (Juncture)-पदों का सीमा-संकेत संगम कहलाता है। संगम अछरों के बीच के हल्के-से विराम को जानना है। दो भिन्न स्थानों पर संगम से दो भिन्न अर्थ निकलते हैं; जैसे-
सिरका – एक प्रकार का तरल पदार्थ
जलसा – उत्सव

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

सिर + का – सिर से संबद्ध जल + सा – जल की तरह
मनका – माला का दाना

मन + का – मन का (भाव)
उच्चारण संबंधी अशुद्धियाँ और उनका निराकरण (Correction in Pronunciation)
शुद्ध भाषा लिखने-पढ़ने में शुद्ध उच्चारण का बहुत महत्त्व है। हिंदी में वर्तनी की जो अशुद्धियाँ पाई जाती हैं, उनका एक प्रधान कारण अशुद्ध उच्चारण है।

आगे ऐसे शब्दों के उदाहरण दिए जा रहे हैं जिनके उच्चारण में प्राय: अशुद्धि होती है-
तालिका
1. ह्नस्व स्वर के स्थान पर दीर्घ तथा दीर्घ स्वर के स्थान पर ह्रस्व

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 20

2. नासिक्य व्यंजन संबंधी अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 21

3. अल्पप्राण-महाप्राण संबंधी अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 22

4. व-ब की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 23

5. श, ष, स संबंधी अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 24

6. छ-क्ष संबंधी अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 25

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार

7. ऋ-र संबंधी अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 26

8. चंद्रबिंदु और अनुस्वार की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्ण-विचार 27

Malhar Hindi Book Class 6 Solutions

error: Content is protected !!