CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी

CBSE Class 6 Hindi Vyakaran वर्तनी

वर्तनी :

शब्द में प्रयुक्त वर्णों की क्रमिकता को वर्तनी कहते हैं। वर्तनी के प्रयोग की शुद्धता केवल शब्द स्तर पर ही नहीं अपितु वाक्य, अनुच्छेद स्तर तक आवश्यक है। इसलिए वर्तनी व्यवस्था को इन तीनों स्तरों पर समझना होता है। विराम-चिह्ह वर्तनी व्यवस्था के ही अंग हैं। अतः वर्तनी व्यवस्था को निम्नलिखित बिंदुओं के परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है-

1. वर्ण स्तर :

वर्तनी के वर्ण स्तर पर स्वर-व्यंजन, मात्राओं और संयुक्त व्यंजन के लेखन की चर्चा अपेक्षित है। हिंदी वर्णमाला के मानक रूप की चर्चा पहले की जा चुकी है। मात्रा-संयोजन और संयुक्त व्यंजन बनाने की दृष्टि से सभी वर्णों को चार कोटियों में बाँटा जा सकता है।

1. खड़ी पाई वाले वर्ण-वे वर्ण जिनके अंत में खड़ी पाई (।) होती है-ख, ग, घ, च, ज, झ, ण, त, थ, ध, न, प, व, म, भ, ल, व, श, ष, स। इन वर्णों में मात्रा का संयोजन खड़ी पाई के साथ ही होता है; जैसे-गेंद। जब इनका संयोजन किसी अन्य व्यंजन के साथ करना हो तो खड़ी पाई को हटा दिया जाता है और उसके साथ परवर्ती वर्ण को जोड़ दिया जाता है, जैसे-ख्याति, ग्वाला, शब्द।

2. मध्य में खड़ी पाई वाले वर्ण-वे वर्ण जिनके मध्य में खड़ी पाई होती है, जैसे-क, फ, फ़। इन वर्णों पर मात्रा बीच की खड़ी पाई पर लगाई जाती है और इन वर्णों को मिलाकर लिखते समय खड़ी पाई के बाद आने वाले अंश के झुकाव को हटाकर उसे परवर्ती वर्ण के साथ जोड़ दिया जाता है, जैसे-पक्का, रफ्तार, फ्लू।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी

3. छोटी खड़ी पाई वाले वर्ण-कुछ वर्णों में खड़ी पाई बहुत छोटी होती है और उसके नीचे कुछ गोलाकार रूप होता है, जैसे-छ, ट, ठ, ड, ढ, द, ह। जब इन वर्णों का परवर्ती व्यंजन के साथ संयोजन करना होता है तो इन व्यंजनों के नीचे हलंत का निशान CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 1 लगा दिया जाता है, जैसे-उच्च्वास, मिट्टी, गड्ढा, दद्दा, चिह्न। यद्यपि द् + य = हा, द + व = द्व. ह + न = ह्न, ह + म = हा आदि पारंपरिक रूप प्रचलित हैं परंतु लेखन में एकरूपता और स्पष्टता की दृष्टि से इन्हें हलंत चिह्न के साथ लिखना ही उचित है।

4. विशिष्ट वर्ण : (क) र-मात्रा संयोजन और संयुक्ताक्षर बनाने में ‘र’ की विशिष्ट स्थिति होती है। ‘र’ में उ, और ऊ की मात्रा वर्ण के बीच में लगती है; जैसे – र् + उ = रु, र् + ऊ = रू।
‘र’ के साथ व्यंजन संयोजन की निम्नलिखित दो स्थितियाँ हो सकती हैं-
1. स्वर रहित र् + व्यंजन
2. स्वर सहित $र+$ व्यंजन

स्वर रहित ‘र्’ के साथ जब किसी व्यंजन का संयोजन किया जाता है तो ‘र’ परवर्ती व्यंजन के ऊपर लिखा जाता है; जैसे-

ध + र + म = धर्म
अ + र + थ = अर्थ
क + र् + म = कर्म।

स्वर रहित व्यंजन + स्वर रहित र-जब कोई स्वर रहित व्यंजन ‘र’ वर्ण के साथ जुड़ता है तो स्वर रहित व्यंजन का रूप नहीं बदलता और ‘ $र$ ‘ अपना रूप बदल कर पूर्ववर्ती व्यंजन की खड़ी पाई के नीचे जुड़ जाता है; जैसे-

क् + र + म = क्रम
भ् + र + म = श्रम
त् + र + स्त = त्रस्त
श् + र + म = श्रम।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी

(ख) क्ष और ज्ञ-ये क्रमशः क् + ष और ज् + य के परंपरागत संयुक्त रूप हैं और इसी रूप में मानक वर्तनी में स्वीकृत हैं। ध्यान दें कि ज् + य = ज्य = ज्ञ का उच्चारण हिंदी में सामान्यत: ‘ग्य’ होता है।

2. शब्द स्तर

(क) शिरोरेखा-वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं। लेखन के स्तर पर किसी भी शब्द का सीमा निर्धारण उसकी शिरोरेखा से होता है। इसके अतिरिक्त एक ही शब्द के वर्णों में समान दूरी रखी जाती है। सामासिक शब्दों में जब दोनों पदों का एक शिरोरेखा के अंतर्गत लाना व्यावहारिक नहीं होता तो समास के पदों के बीच योजन चिहू (-) का प्रयोग किया जाता है। इसी तरह पुनरुक्त और युग्म शब्दों के बीच में भी योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है, जैसे-घर-घर, धीरे-धीरे, सुख-दुख।

(ख) अनुस्वार-हिंदी में अनुस्वार नासिक्य व्यंजन ध्वनि है, जिसके उच्चारण के स्तर पर अनेक रूप उपलब्ध होते हैं, परंतु लेखन के स्तर पर इन विभिन्न रूपों को व्यक्त करने के लिए अनुस्वार चिह्न CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 3 प्रयुक्त होता है जो व्यंजनों के प्रत्येक वर्ग के नासिक्य व्यंजन को अभिव्यक्त करता है। अनुस्वार शब्द का अर्थ है स्वर के बाद आने वाला अर्थात् अनु + स्वर। अत: यह शब्द के मध्य और अंत में ही हो सकता है, आदि में नहीं। शब्द के मध्य में अनुस्वार अपने परवर्ती व्यंजन के वर्ग के नासिक्य व्यंजन का प्रतिनिधिक्वि करता है; जैसे-

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 2

(i) उक्त सभी स्थितियों में हिंदी में अनुस्वार को बिंदु के द्वारा ही लिखा जाता है, पंचमाक्षर द्वारा नहीं; जैसे पंकज, मंच, मंडन, पंत, दंभ।
(ii) यदि पंचमाक्षर शब्द में दुबारा आता है तो पहला पंचमाक्षर अनुस्वार के रूप में नहीं बदलता; जैसे-वाङ्मय, अन्न, सम्मेलन, सम्मत, उन्मुख। वस्तुतः अनुस्वार ङ्, उ, ण्, न्, म् का ही प्रतिनिधित्व करता है।
(iii) यदि पंचमाक्षर य, व, ह के पहले आता है तो वहाँ वही पंचमाक्षर लिखा जाता है, अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता, जैसे-पुण्य, अन्य, समन्वय, कन्हैया, तुम्हारा।
(iv) श, ष, स, ह के पूर्व केवल अनुस्वार का ही प्रयोग होता है, पंचमाक्षर का नहीं; जैसे-अंश, वंश, हंस कंस, संहार आदि।
(v) सम् उपसर्ग के बाद जो शब्द अंतःस्थ या ऊष्म वर्णों से प्रारंभ होते हैं तो ‘म्’ निश्चित रूप से अनुस्वार हो जाता है; जैसे – सम् + यंत्र = संयंत्र, सम् + रचना = संरचना, सम् + लाप = संलाप, सम् + वाद = संवाद।

(ग) ईकारांत और ऊकारांत शब्दों के बहुवचन रूप बनाते समय ‘ई’ और ‘ऊ’ क्रमशः ‘इ’ और ‘उ’ बन जाते हैं; जैसे-नदी-नदियाँ, बहु-बहुएँ।

(घ) संस्कृत से हिंदी में आए हुए शब्द जिनके अंतिम वर्ण पर हरंत का चिह्न लगता है, प्राय: हलंत के बिना लिखे जाने लगे हैं; जैसे-विद्वान, महान, श्रीमान, भगवान, हनुमान आदि। किंतु कुछ शब्दों में हलंत का प्रचलन अब भी है; जैसे-सम्यक्।

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी

3. वाक्य स्तर

वाक्य स्तर पर वर्तनी संबंधी अशुद्धियों से बचने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना अपेक्षित है-
(i) लिखते समय शब्दों के बीच की दूरी का ध्यान न रखने से कभी-कभी वाक्य का अर्थ ही बदल जाता है। जैसे- ‘जल सा लग रहा है’ वाक्य में जल सा को मिलाकर लिखने पर ‘जलसा’ शब्द बनेगा जिससे दूसरे ही अर्थ का बोध होगा।
(ii) वाक्य लेखन में समुचित विरामचिह्नों का प्रयोग अपेक्षित हैं। ‘तुम आ गए’ वाक्य के बाद पूर्ण विराम, प्रश्नवाचक, विस्मयादिबोधक-कोई भी विराम चिहन लगाया जा सकता है, परंतु जब तक वक्ता के आशय के अनुसार विराम चिह्न का प्रयोग नहीं किया जाता तब तक अर्थ स्पष्ट नहीं होता-तुम आ गए।, तुम आ गए?, तुम आ गए! वर्तनी की सामान्य अशुद्धियाँ और उनका निराकरण
(क) अल्पप्राण और महाप्राण व्यंजनों की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 4

(ख) श ष स के प्रयोग की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 5

(ग) व ब के अभेद के कारण अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 6

(घ) य ज के अभेद के कारण अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 7

(ङ) छ क्ष के अशुद्ध उच्चारण के कारण अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 8

(च) ण न ड़ की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 9

(छ) व्यंजन-गुच्छों में अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 10

(ज) स्वर की मात्राओं की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 11

(झ) अनुस्वार और अनुनासिक की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 12

(ञ) पंचमाक्षर के प्रयोग की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 13

(ट) अनावश्यक स्वर या व्यंजन जोड़ने की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 14

(ठ) अक्षर लोप की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 15

(उ) रेफ की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 16

(ढ) संधि-नियमों के उल्लंघन की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 17

(ण) यी-ई, ये-ए आदि की अशुद्धियाँ

CBSE Class 6 Hindi Grammar वर्तनी 18

Malhar Hindi Book Class 6 Solutions

error: Content is protected !!