Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 30

प्रश्न 1.
सातवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता थी ?
उत्तर:
सातवें दिन का युद्ध एक मोर्चे पर केन्द्रित न होकर व्यापक रूप से हो रहा था। बड़े-बड़े योद्धा विभिन्न मोर्चों पर युद्ध कर रहे थे।

प्रश्न 2.
सातवें दिन का युद्ध किस-किस के बीच हुआ ?
उत्तर:
सातवें दिन का युद्ध व्यापक रूप से हुआ जिसमें प्रमुख मुकाबला अर्जुन और भीष्म, द्रोणाचार्य और विराट राज, शिखंडी और अश्वत्थामा, नकुल-सहदेव और शल्य के बीच, युधिष्ठिर और श्रुतायु के बीच, कृपाचार्य और चेकितान के बीच हुआ?

प्रश्न 3.
आठवें दिन की प्रमुख घटनाएँ कौन-कौन सी रहीं ?
उत्तर:
आठवें दिन भीमसेन ने धृतराष्ट्र के आठ बेटों को मार डाला। इसी दिन अर्जुन का पुत्र इरावत जो नागकन्या से उत्पन्न था युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुआ।

प्रश्न 4.
घटोत्कच ने गर्जना क्यों की ?
उत्तर:
घटोत्कच ने जब अर्जुन के पुत्र को वीरगति प्राप्त करते देखा तो उसने जोर से गर्जना की। उसकी गर्जना से समस्त कौरव सेना थर्रा उठी। युधिष्ठिर को लगा कि घटोत्कच पर संकट आ गया है, उसने भीमसेन को भेजा। भीमसेन के जाने से युद्ध और भी भयंकर हो गया।

प्रश्न 5.
नवें दिन के युद्ध की या विशेषता रही ?
उत्तर:
नवें दिन के युद्ध में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु और अलंबुष में घोर संग्राम छिड़ गया। भीष्म ने इस दिन पांडव सेना की बड़ी दुर्गति की।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 30

सातवें दिन का युद्ध एक जगह केन्द्रित न होकर व्यापक रूप से हो रहा था। अर्जुन और भीष्म का युद्ध हो रहा था। उधर द्रोण और विराट राज भिड़े थे। शिखंडी और अश्वत्थामा में लड़ाई हो रही थी। धृष्टद्युम्न व दुर्योधन परस्पर युद्ध कर रहे थे। नकुल-सहदेव अपने मामा शल्य के साथ युद्ध कर रहे थे। युधिष्ठिर का श्रुतायु के साथ युद्ध हो रहा था। द्रोणाचार्य के साथ युद्ध में विराट राज को हार खानी पड़ी। विराट के दो पुत्र उत्तर और श्वेत पहले दिन की लड़ाई में काम आ चुके थे। आठवें दिन का युद्ध शुरु होते ही भीमसेन ने धृतराष्ट्र के आठ बेटों को मार दिया। इस युद्ध में अर्जुन का नागकन्या से उत्पन्न पुत्र इरावत भी मारा गया। घटोत्कच ने यह देखकर जोर से गर्जना की जिससे सारी कौरव सेना थर्रा उठी। उसने कौरव सेना पर आक्रमण कर भारी तबाही मचा दी। सूर्यास्त होने पर युद्ध बंद हो गया। नवें दिन के युद्ध में अभिमन्यु और अंतबुष के बीच घोर संग्राम हुआ। भीष्म ने पांडव सेना की बहुत दुर्गति की। अर्जुन और श्रीकृष्ण दोनों को ही बड़ी पीड़ा हुई।

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