Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2

Class 6 Hindi Malhar Chapter 2 Gol Question Answer गोल

गोल Question Answer Class 6

कक्षा 6 हिंदी पाठ 2 गोल पाठ के प्रश्न उत्तर – Gol Class 6 Question Answer

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

प्रश्न 1.
“ दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं। मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। अगर तुम मुझे हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता । ” मेजर ध्यानचंद की इस बात से उनके बारे में क्या पता चलता है?
• वे अत्यंत क्रोधी थे।
• वे अच्छे ढंग से बदला लेते थे।
• उन्हें हॉकी से मारने पर वे अधिक गोल करते थे।
• वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।
उत्तर:
• वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।

प्रश्न 2.
लोगों ने मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहना क्यों शुरू कर दिया ?
• उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण
• उनकी हॉकी स्टिक की अनोखी विशेषताओं के कारण
• हॉकी के लिए उनके विशेष लगाव के कारण
• उनकी खेल भावना के कारण
उत्तर:
• उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण

Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
हमने ये उत्तर इसलिए चुने हैं क्योंकि ये उत्तर ही पूछे गए प्रश्न के उत्तर के सही विकल्प हैं। इन उत्तरों से मेजर ध्यानचंद के कुशल हॉकी खिलाड़ी होने की विशेषताएँ उभर कर सामने आती हैं।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
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शब्द अर्थ या संदर्भ
1. लांस नायक 1. स्वतंत्रता से पहले सूबेदार भारतीय सैन्य अधिकारियों का दूसरा सबसे बड़ा पद था।
2. बर्लिन ओलंपिक 2. भारतीय सेना का एक पद (रैंक) है।
3. पंजाब रेजिमेंट 3. सैनिकों के रहने का क्षेत्र ।
4. सैंपर्स एंड माइनर्स टीम 4. वर्ष 1936 में जर्मनी के बर्लिन शहर में आयोजित ओलंपिक खेल प्रतियोगिता, जिसमें 49 देशों ने भाग लिया था।
5. सूबेदार 5. स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों की भारतीय सेना का एक दल ।
6. छावनी 6. अंग्रेजों के समय का एक हॉकी दल ।

उत्तर:
1. – 2,
2. – 4,
3. – 6,
4. – 5,
5. – 1,
6. – 3

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

(क) “बुरा काम करने वाला आदमी हर समय इस बात से डरता रहता है कि उसके साथ भी बुराई की जाएगी।”
उत्तर:
जो व्यक्ति कोई बुरा काम या बुरा व्यवहार करता है, वह सदैव भयभीत अवस्था में रहता है। उसे डर लगा रहता है कि उनकी बुराई का बदला जरूर लिया जाएगा।

(ख) “मेरी तो हमेशा यह कोशिश रहती कि मैं गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे दूँ ताकि उसे गोल करने का श्रेय मिल जाए। अपनी इसी खेल भावना के कारण मैंने दुनिया के खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। ”
उत्तर:
इसका अर्थ है कि हमें सदैव अपने बारे में ही नहीं सोचते रहना चाहिए। हमें काम श्रेय दूसरों को लेने का अवसर देना चाहिए। इससे हम उनका दिल जीत सकेंगे।

सोच-विचार के लिए

संस्मरण को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) ध्यानचंद की सफलता का क्या रहस्य था?
उत्तर:
ध्यानचंद की सफलता का यह रहस्य था कि वे खेल को खेल भावना से ही खेलते थे। उनमें लगन परिश्रम तथा सहयोग की भावना रहती थी। यही उनकी सफलता का रहस्य था।

(ख) किन बातों से ऐसा लगता है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले दूसरों को रखते थे?
उत्तर:
ध्यानचंद गेंद को गोल के पास लाकर भी उसे अन्य खिलाड़ी को इसलिए देते थे ताकि उसे गोल करने का श्रेय
मिल जाए।

संस्मरण की रचना

“उन दिनों में मैं, पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेला करता था ।” इस वाक्य को पढ़कर ऐसा लगता है मानो लेखक आपसे यानी पाठक से अपनी यादों को साझा कर रहा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी। इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए ।

(क) अपने-अपने समहू में मिलकर इस संस्मरण की विशेषताओ की सूची बनाइए ।
उत्तर:
संस्मरण की विशेषताएँ-
(क) इसमें अपने जीवन की घटी घटनाओं का यथा तथ्य वर्णन होता है।
(ख) इसमें निष्पक्षता बरती जाती है।
(ग) प्रवाहमयी शैली का प्रयोग किया जाता है।
(घ) लेखक स्मरणशक्ति के सहारे अपनी बात करता है।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर:
उपर्युक्त सूची को विद्यार्थी अपनी कक्षा के साथियों के साथ साझा करेंगे।

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शब्दों को जोड़े, विभिन्न प्रकार के

संस्मरण को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) “जैसे-जैसे मेरे खेल में निखार आता गया, वैसे-वैसे मुझे तरक्की भी मिलती गई।” इस वाक्य में ‘जैसे -जैसे’ और ‘वैसे-वैसे’ शब्दों के जोड़े हैं जिनमें एक ही शब्द दो बार उपयोग में लाया गया है। ऐसे जोड़ों को ‘शब्द-युग्म’ कहते हैं। ‘शब्द-युग्म’ में दो शब्दों के बीच में छोटी-सी रेखा लगाई जाती है जिसे योजक चिह्न कहते हैं। योजक यानी जोड़ने वाला। आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए ।
उत्तर:
1. धीरे-धीरे
2. आहिस्ता-आहिस्ता
3. फिर-फिर
4. कभी-कभी
5. अभी-अभी

(ख) “खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएँ होती रहती हैं।” इस वाक्य में भी आपको दो शब्द-युग्म दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इन शब्द-युग्मों के दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हैं, एक जैसे नहीं हैं। आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए जिनमें दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हों।
उत्तर:
1. सुख-दुख
2. दाल-रोटी
3. अमीर-गरीब
4. सच्चा झूठा
5. नीच ऊँच

(ग) “ हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।” “आज मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं। ”
इन वाक्यों में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें ध्यान से पढ़िए। हम इन शब्दों को योजक की सहायता से भी लिख सकते हैं, जैसे- हार जीत, बच्चे-बूढ़े आदि ।
आप नीचे दिए गए शब्दों को योजक की सहायता से लिखिए-
• अच्छा या बुरा
• अमीर और गरीब
• गुरु और शिष्य
• छोटा या बड़ा
• उत्तर और दक्षिण
• अमृत या विष
उत्तर:
• अच्छा-बुरा
• अमीर-गरीब
• गुरु-शिष्य
• छोटा-बड़ा
• उत्तर-दक्षिण
• अमृत-विष

बात पर बल देना

“मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। ”
“मैंने तो अपना बदला ले लिया है।”
इन दोनों वाक्यों में क्या अंतर है? ध्यान दीजिए और बताइए। सही पहचाना ! दूसरे वाक्य में एक शब्द कम है। उस एक शब्द के न होने से वाक्य के अर्थ में भी थोड़ा अंतर आ गया है।
हम अपनी बात पर बल देने के लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे- ‘ही’, ‘भी’, ‘तो’ आदि। पाठ में से इन शब्दों वाले वाक्यों को चुनकर लिखिए। ध्यान दीजिए कि यदि उन वाक्यों में ये शब्द न होते तो उनके अर्थ पर इसका क्या प्रभाव पड़ता ।
उत्तर:
1. खेल में तो यह सब चलता है।
2. उन दिनों भी यह चलता था।
3. मेरे कहते ही वह खिलाड़ी घबरा गया।
4. मैंने तो अपना बदला ले ही लिया ।
5. मैं दो ही गोल करता है।
6. उसके साथ भी बुराई जाएगी।
रेखांकित मोटे शब्द निपात है। ये बात पर बल देने का काम करते हैं।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) ध्यानचंद के स्थान पर आप होते तो क्या आप बदला लेते? यदि हाँ, तो बताइए कि आप बदला किस प्रकार लेते?
उत्तर:
यदि हम ध्यानचंद के स्थान पर होते तो हम भी बदला लेते। लेकिन हम भी अपना बदला शालीनता के साथ लेते। हम हिंसा में विश्वास नहीं करते। अपने अच्छे व्यवहार से उसे शर्मिंदा करते।

(ख) आपको कौन-से खेल और कौन-से खिलाड़ी सबसे अधिक अच्छे लगते हैं? क्यों?
उत्तर:
हमें क्रिकेट खेल अधिक अच्छा लगता है। इसके ये खिलाड़ी हमें अच्छे लगते हैं-

  1. रोहित शर्मा,
  2. रवींद्र जडेजा
  3. एम. एस. धोनी
  4. विराट कोहली आदि ।

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समाचार पत्र से

(क) क्या आप समाचार पत्र पढ़ते हैं? समाचार-पत्रों में प्रतिदिन खेल के समाचारों का एक पृष्ठ प्रकाशित होता है। अपने घर या पुस्तकालय से पिछले सप्ताह के समाचार पत्रों को देखिए। अपनी पसंद का एक खेल- समाचार अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर :
खेल- समाचार

स्नेह ने लिए आठ विकेट भारत ने दिया फॉलोऑन
Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2 1
एजेंसियां चैन्ने भारतीय स्पिनर स्नेह राणा ने आठ विकेट लेकर साउथ अफ्रीका को पहली पारी में बैकफुट पर भेज दिया। भारत के फॉलोऑन देने के बाद साउथ अफ्रीका ने एकमात्र टेस्ट के तीसरे दिन सुने लुस के शतक से दूसरी पारी में वास करने करते हुए दो विकेट पर 232 रन बनाए । साउथ अफ्रीका भारत से 105 रन से पीछे है। इससे पहले स्नेह राणा ने 77 रन देकर आठ विकेट चटकाए और साउथ अफ्रीका की पहली पारी महज 266 रन पर सिमट गई लुस ने 203 गेंद की पारी में 18 चौके की मदद से 109 रन बनाए। उन्हें कप्तान लॉरा वेलवॉर्ट (नाबाद 93 रन) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 190 रन की साझेदारी की। राणा का यह प्रदर्शन भारत की नीतू डेविड (8/53) और ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर (8/66) के बाद महिला टेस्ट की एक पारी में तीसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकडा है।

विराट पर कभी मत
करना ‘डाउट’ फाइनल से पहले विराट ओपनिंग ने पूरी तरह से फ्लॉप रहे। पहली दूसरी गेंद से ही अटैक करने की उनकी रणनीति बैकफायर कर गई। एक बार फिर टी-20 खेल में उनकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़े होने लगे। तभी उन्होंने खिताबी मुकाबले में अपने टी-20 करियर की सबसे अहम पारी खेली जिसने भारत की जीत की नींव रखी। कोहली ने अर्धशतकीय पारी से बताया कि प्रेशर हैंडल करने में आज भी उनसे बेहतर दूसरा कोई नहीं हैं।

‘लाइफ लाइन’ बने बूम बूम बुमरा
जसप्रीत बुमरा टीम इंडिया की लाइफ रहे ऑन डिमांड विकेट लेना इनकी खूबी है और इसको उन्होंने बखूबी निभाया। पूरे टूर्नामेंट में जब-जब कप्तान ने उनसे विकेट की मांग की उन्होंने पूरी की। खिताबी मुकाबले में 18वें ओवार में माकों यानसेन और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में ट्रेविस हेड का विकेट सबसे खास रहा। अहम मोड़ पर इन विकेटों ने विपक्षी टीमों को बैकफुट पर भेजा और टीम इंडिया की जीत की राह खोली।

(ख) मान लीजिए कि आप एक खेल संवाददाता हैंऔर किसी खेल का आँखों देखा प्रसारण कर रहे हैं। अपने समूह के साथ मिलकर कक्षा में उस खेल का आँखों देखा हाल प्रस्तुत कीजिए ।
(संकेत- इस कार्य में आप आकाशवाणी या दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले खेल प्रसारणों की कमेंटरी की शैली का उपयोग कर सकते हैं। बारी-बारी से प्रत्येक समूह कक्षा में सामने डेस्क या कुर्सियों पर बैठ जाएगा और पाँच मिनट के लिए किसी खेल के सजीव प्रसारण की कमेंटरी का अभिनय करेगा !)
उत्तर:
मैं खेल संवाददाता हूँ। मैं साउथ अफ्रीका की टीम के मैंच का आँखों देखा हाल प्रसारित कर रहा हूँ। अफ्रीका की टीम को जीत के लिए आखिरी ओवर में 16 रनों की जरूरत है। भारतीय गेंदबाज दनादन बॉल फेंक रहे हैं। साउथ अफ्रीका की फील्डिंग में मनसूबों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।

डायरी का प्रारंभ

कुछ लोग प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी बातें किसी स्थान पर लिख लेते हैं। जो वे सोचते हैं, या जो उनके साथ उस दिन हुआ या जो उन्होंने देखा, उसे ईमानदारी से लिख लेते हैं या टाइप कर लेते हैं। इसे डायरी लिखना कहते हैं। क्या आप भी अपने मन की बातों और विचारों को लिखना चाहते हैं? यदि हाँ, तो आज से ही प्रारंभ कर दीजिए-

  • आप जहाँ लिखेंगे, वह माध्यम चुन लीजिए। आप किसी लेखन पुस्तिका में या ऑनलाइन मंचों पर लिख सकते हैं।
  • आप प्रतिदिन, कुछ दिनों में एक बार या जब कुछ लिखने का मन करे तब लिख सकते हैं।
  • शब्दों या वाक्यों की कोई सीमा नहीं है चाहे दो वाक्य हों या दो पृष्ठ । आप जो मन में आए उसे उचित और शालीन शब्दों में लिख सकते हैं।

उत्तर:

  • हाँ, मैं भी डायरी लिखता हूँ। मैं प्रतिदिन घटित होने वाली घटनाओं को रात्रि के समय अपनी डायरी में लिख देता हूँ।
  • मैं अपनी डायरी को संक्षिप्त एवं सारगर्मित रूप में लिखता हूँ।

Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2

आज की पहेली

यहाँ एक रोचक पहेली दी गई है। इसमें आपको तीन खिलाड़ी दिखाई दे रहे हैं। आपको पता लगाना है कि कौन-से खिलाड़ी द्वारा गोल किया जाएगा-
Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2 2
उत्तर:
मैं इस चित्र को ध्यानपूर्वक देख रहा हूँ। इस चित्र में तीन खिलाड़ी हॉकी को गेंद को गोल तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। देखते हैं कि कौन पहले गेंद को गोल तक ले जाता है।

झरोखे से

आपने भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के बारे में बहुत कुछ बात की होगी। अब हम हॉकी जैसे ही अनोखे खेल के बारे में पढ़ेंगे जिसे आप जैसे लाखों बच्चे अपने गली-मुहल्लों में खेलते हैं। इस खेल का नाम है- डाँडी या गोथा ।

डाँडी या गोथा
Gol Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 2 3
यह भील – भिलाला बच्चों का खेल है। ‘डाँडी’ और ‘गोथा’ शब्द का अर्थ एक ही है- खेलने की हाथ लकड़ी । देखा जाए तो यह खेल काफी कुछ हमारे राष्ट्रीय खेल हॉकी जैसा है। अंतर बस इतना है कि हॉकी में गोल करने के लिए गोलपोस्ट होते हैं जबकि इस खेल में ऐसा कोई निर्धारण नहीं है। दूसरा अंतर यह है कि भील भिलाला बच्चों की यह गेंद, हॉकी की अपेक्षा एकदम साधारण होती है। यह बाँस की बनी होती है।

खेल सामग्री :

1. बाँस के गुट्टे की गेंद जिसे ‘दुईत’ कहते हैं।
2. ‘गोथा’ यानी अंग्रेजी के ‘L’ अक्षर की तरह नीचे से मुड़ी हुई बाँस की डंडियाँ ।
3. राख से खेल के मैदान में सीमांकन करना और घेरे के भीतर एक छोटा वृत्त बनाना ।

कैसे खेलें:

1. वैसे तो इसे चाहे जितने खिलाड़ी खेल सकते हैं, मगर दोनों दलों में कम से कम दो-दो खिलाड़ी हों।

2. टॉस करना। टॉस जीतने वाला दल खेल प्रारंभ करेगा।

3. गेंद को छोटे घेरे या वृत्त में रखना हमला करने वाले दल के खिलाड़ी खेल प्रारंभ होते ही बॉल को पीटते हुए बचाव दल के दायरे में दूर तक ले जाना चाहते हैं।

4. दोनों दलों के एक-एक खिलाड़ी अपनी-अपनी तरफ की ‘डी’ में खड़े रहते हैं। वे प्रयास करते हैं कि गेंद रेखा पार न करे।

5. खिलाड़ी डाँडी या गोथा के दोनों ओर से खेल सकते हैं, जबकि ऐसी सुविधा हॉकी के खेल में नहीं है।

6. बाकी सारा खेल हॉकी के खेल के समान होता है। प्रश्न उठता है कि इस खेल में गोलपोस्ट नहीं होते यानी गोल करने का मामला नहीं बनता तो हार-जीत का निर्णय कैसे किया जाता है? उत्तर यह है कि जो दल गेंद को अधिक से अधिक बार विरोधी के पाले में ढकेलता है वही बलवान है और इसलिए विजयी भी।

7. खेल के दो विशेष नियम हैं। पहला, गेंद को शरीर के किसी भी अंग से न छूना, न रोकना। दूसरा, गेंद को हवाई शॉट न मारना और न उसे हवा में शॉट खेलकर साथी खिलाड़ी को पास देना। बाकी लकड़ी से आप गेंद को रोक सकते हैं या हिट कर सकते हैं। आगे जैसा कि बता चुके हैं जो दल बीच की रेखा को पार करके विरोधी दल के क्षेत्र में अधिक से अधिक दबाव या प्रवेश बनाए रखता है वह विजयी होता है। विशेष- यह खेल होली का त्योहार आने के कुछ दिन पहले से खेला जाता है। अंत में जिस दिन होलिका जलाई जाती है, उस दिन ये दुइत और गोधे (गेंद और डंडे) आग में डाल दिए जाते हैं।

साझी समझ

(क) आपने इस खेल के नियम पढ़कर अच्छी तरह समझ लिए हैं। अब अपने मित्रों के साथ मिलकर ‘डाँडी’ या ‘गोथा’ खेल खेलिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने मित्र के साथ खेल खेले।

(ख) आप भी ‘डाँडी’ या ‘गोथा’ जैसे अनेक स्वदेशी खेल अपने मित्रों के साथ मिलकर अपने विद्यालय, घर या मोहल्ले में खेलते होंगे। अब आप ऐसे ही किसी एक खेल के नियम इस प्रकार से लिखिए कि उन्हें पढ़कर कोई भी बच्चा उस खेल को समझ सके और खेल सके।
उत्तर:
विद्यार्थी अपनी रूचि के खेल के बारे में लिखें।

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खोजबीन के लिए

नीचे ध्यानचंद जी के विषय में कुछ सामग्री दी गई है जैसे फिल्में, साक्षात्कार आदि इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
• हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद-प्रेरक गाथाएँ
• हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद
• ओलंपिक
• मेजर ध्यानचंद से साक्षात्कार
उत्तर:
यह कार्य विद्यार्थी क्यू. आर. कोड की सहायता से स्वयं करेंगे।

पढ़ने के लिए 

एक दौड़ ऐसी भी

कई साल पहले ओलंपिक खेलों के दौरान एक विशेष दौड़ होने जा रही थी। सौ मीटर की इस दौड़ में एक आश्चर्यजनक घटना हुई। नौ प्रतिभागी आरंभिक रेखा पर तैयार खड़े थे। उन सभी को कोई-न-कोई शारीरिक विकलांगता थी ।

सीटी बजी, सभी दौड़ पड़े। बहुत तीव्र तो नहीं, पर उनमें जीतने की होड़ अवश्य तेज थी। सभी जीतने की उत्सुकता के साथ आगे बढ़े। सभी बस एक छोटे से लड़के को छोड़कर। तभी छोटा लड़का ठोकर खाकर लड़खड़ाया, गिरा और रो पड़ा ।

उसकी पुकार सुनकर बाकी प्रतिभागी दौड़ना छोड़ देखने लगे कि क्या हुआ? फिर, एक-एक करके वे सब उस बच्चे की सहायता के लिए उसके पास आने लगे। सब के सब लौट आए। उसे दोबारा खड़ा किया। उसके आँसू पोंछे, धूल साफ की। वह छोटा लड़का एक ऐसी बीमारी से ग्रस्त था, जिसमें शरीर के अंगों की बढ़त धीमी होती है और उनमें तालमेल की कमी भी रहती है।

फिर तो सारे बच्चों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और साथ मिलकर दौड़ लगाई और सब के सब अंतिम रेखा तक एक साथ पहुँच गए। दर्शक मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे, इस प्रश्न के साथ कि सब के सब एक साथ यह दौड़ जीते हैं, इनमें से किसी एक को स्वर्ण पदक कैसे दिया जा सकता है? निर्णायकों ने सबको स्वर्ण पदक देकर समस्या का बढ़िया हल ढूँढ़ निकाला। उस दिन मित्रता का अनोखा दृश्य देख दर्शकों की तालियाँ थमने का नाम नहीं ले रही थीं।

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