Class 6 Hindi Malhar Chapter 7 Jalate Chalo Question Answer जलाते चलो
जलाते चलो Question Answer Class 6
कक्षा 6 हिंदी पाठ 7 जलाते चलो कविता के प्रश्न उत्तर – Jalate Chalo Class 6 Question Answer
पाठ से
आइए, अब हम इस कविता से अपनी मित्रता को और घनिष्ठ बना लेते हैं। इसके लिए नीचे कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। हो सकता है कि इन्हें करने के लिए आप कविता को फिर से पढ़ने की आवश्यकता अनुभव करें।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है ?
• भलाई के कार्य करते रहना
• बल्ब आदि जलाकर अंधकार दूर करना
• दीपावली के दीपक जलाना
• तिमिर मिलने तक नाव चलाते रहना
उत्तर:
• भलाई के कार्य करते रहना
प्रश्न 2.
“जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी” यह वाक्य किससे कहा गया है?
• तूफ़ान से
• दीपकों से
• मनुष्यों से
• तिमिर से
उत्तर
• मनुष्यों से
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?
उत्तर:
हमने दोनों प्रश्नों के उत्तर इसलिए चुने हैं क्योंकि ये ही उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प हैं :
• कविता में निरंतर भलाई करने की बात कही गई है।
• दीये जलाने का काम मनुष्यों ने ही किया।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
शब्द | अर्थ या संदर्भ |
1. अमावस | 1. पूर्णमासी, वह तिथि जिस रात चंद्रमा पूरा दिखाई देता है। |
2. पूर्णिमा | 2. विद्युत दिये अर्थात् बिजली से जलने वाले दीपक, बल्ब आदि उपकरण । |
3. विद्युत – दिये | 3. समय, काल, युग संख्या में चार माने गए हैं-सत्ययुग (सतयुग), त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग । |
4. युग | 4. अमावस्या, जिस रात आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता। |
उत्तर:
1 – 4,
2. – 1,
3. – 2,
4. – 3
पंक्तियों पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
“दिये और तूफान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी ॥
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।”
उत्तर:
हमारी समझ में यह अर्थ आया कवि ने दिये और तूफान के माध्यम से भले और बुरे के निरंतर चलते संघर्ष को रेखांकित किया है। इन दोनों में प्रारंभ काल से टकराव होता आया है और आगे भी होता रहेगा। लेकिन अच्छाई की लौ सदैव मानवता को प्रकाश देती रहेगी। यदि एक भी व्यक्ति भला करने वाला पृथ्वी पर जीवित रहेगा तब भी यह लौ जलती रहेगी।
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
(क) कविता में अँधेरे या तिमिर के लिए किन वस्तुओं के उदाहरण दिए गए हैं ?
उत्तर:
अमावस, निशा, सरिता, शिला।
(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगाने वाल कविता है। इसमें क्या आशा की गई है? यह आशा क्यों की गई है?
उत्तर:
यह आशा की गई है कि कभी न कभी यह अंधकार समाप्त होगा और सवेरे का उदय होगा।
(ग) कविता में किसे जलाने और किसे बुझाने की बात कही गई है ?
उत्तर:
दिये को जलाने और विद्युत – दिये (बल्ब) को बुझाने की बात की है।
कविता की रचना
“जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।”
इन पंक्तियों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर लय सहित गाने या बोलने का प्रयास कीजिए। आप हाथों से ताल भी दे सकते हैं। दोनों पंक्तियों को गाने या बोलने में समान समय लगा या अलग-अलग ? आपने अवश्य ही अनुभव किया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने या गाने में लगभग एक समान समय लगता है। केवल इन दो पंक्तियों को ही नहीं, इस कविता की प्रत्येक पंक्ति को गाने में या बोलने में लगभग समान समय ही लगता है। इस विशेषता के कारण यह कविता और अधिक प्रभावशाली हो गई है।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको और भी अनेक विशेष बातें दिखाई देंगी।
(क) इस कविता को एक बार फिर से पढ़िए और अपने – अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशषेताओं की सूची बनाइए, जैसे इस कविता की पंक्तियों को 24, 2-4 के क्रम में बाँटा गया है आदि ।
उत्तर:
कविता की विशेषताएँ:
- चार पंक्तिायों के बाद दो पंक्तियाँ अलग से दी गई हैं।
- कविता में कई तत्सम शब्दों का प्रयोग किया गया है जैसे- स्वर्णिम, विद्युत, निहित, तिमिर ।
- उजेला, ज्योति शब्द देशज है।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।
मिलान
कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा। | 1. विश्व की भलाई का ध्यान रखे बिना प्रगति करने से कोई लाभ नहीं होगा। |
2. जलाते चलो ये दिये स्नेह भर भर | | 2. विश्व में सुख-शांति क्यों कम होती जा रही है? |
3. मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी। | 3. विश्व की समस्याओं से एक न एक दिन छुटकारा अवश्य मिलेगा। |
4. बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो बुझाओ इन्हें यों न पथ मिल सकेगा। | 4. दूसरों के सुख-चैन के लिए प्रयास करते रहिए । |
उत्तर:
1. – 3,
2. – 4,
3. – 2,
4. – 1
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “ दिये और तूफान की यह कहानी चली आ रही और चलती रहेगी”
दीपक और तूफान की यह कौन-सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?
उत्तर:
दीपक और तूफान की कहानी है- अच्छाई और बुराई का संघर्षे यह संघर्ष सदा से चला आ रहा है और भविष्य में भी चलता रहेगा।
(क) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?.
उत्तर:
मनुष्य की अच्छाई की भलाई की जो लौ; पहली लौ जलाई वह आज भी अपनी आभा बिखेर रही है। दीपक की यह सोने जैसी लौ, परोपकार की पवित्र हो सकती है जो अनगिनत सालों से निरंतर जल रही है अच्छाई कभी मिट नहीं सकती।
शब्दों के रूप
“कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा – सी ”
‘अमावस’ का अर्थ है “अमावस्या” इन दोनों शब्दों का अर्थ तो समान है लेकिन इनके लिखने-बोलने में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनसे मिलते-जुलते दूसरे शब्द कविता से खोजकर लिखिए। ऐसे ही कुछ अन्य शब्द आपस से चर्चा करके खोजिए और लिखिए।
1. दिया …………
2. उजेला ……..
3. अनगिन …….
4. ……..
5. ………
6. ……….
उत्तर:
1 दिया – दीप
2. उजेला – प्रकाश
3. अनगिन – अनगिनत
4. अँधेरा – तिमिर, अंधकार
5. विश्व – संसार
6. सरित – सरिता, नदी
ये समानार्थक शब्द हैं। इन्हें पर्यायवाची शब्द भी कहा जाता है।
अर्थ की बात
(क) “ जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर”
इस पंक्ति में ‘चलो’ के स्थान पर ‘रहो’ शब्द रखकर पढ़िए। इस शब्द के बदलने से पंक्ति के अर्थ में क्या अंतर आ रहा है? अपने समूह में चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी सामूहिक होकर चर्चा करें।
(ख) कविता में प्रत्येक शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। यदि वे शब्द बदल दिए जाएँ तो कविता का अर्थ भी बदल सकता है और उसकी सुंदरता में भी अंतर आ सकता है।
नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। पंक्तियों के सामने लगभग समान अर्थों वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनमें से वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे उपयुक्त रहेगा-
प्रश्न 1.
बहाते चलो ………. तुम वह निरंतर (नैया, नाव, नौका)
कभी तो तिमिर का …….. मिलेगा ।। (तट, तीर, किनारा)
उत्तर:
नाव, किनारा
प्रश्न 2.
रहेगा ……. पर दिया एक भी यदि (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को …… मिलेगा || (प्रात:, सुबह सवेरा)
उत्तर:
धरा, सवेरा
प्रश्न 3.
जला दीप पहला तुम्हीं ने ……. की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती ……… बार स्वीकार की थी। (प्रथम, अव्वल, पहली)
उत्तर:
तिमिर प्रथम ।
(क) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?
उत्तर:
मनुष्य की अच्छाई की भलाई की जो लौ; पहली लौ जलाई वह आज भी अपनी आभा बिखेर रही है। दीपक की यह सोने जैसी लौ, परोपकार की पवित्र हो सकती है जो अनगिनत सालों से निरंतर जल रही है, अच्छाई कभी मिट नहीं सकती।
शब्दों के रूप
“कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा – सी”
‘अमावस‘ का अर्थ है “अमावस्या”। इन दोनों शब्दों का अर्थ तो समान है लेकिन इनके लिखने-बोलने में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनसे मिलते-जुलते दूसरे शब्द कविता से खोजकर लिखिए। ऐसे ही कुछ अन्य शब्द आपस से चर्चा करके खोजिए और लिखिए।
1. दिया ………
2. उजेला ………
3. अनगिन …….
4. ………
5. ………..
6. ……….
उत्तर:
1. दिया – दीप
2. उजेला – प्रकाश
3. अनगिन – अनगिनत
4. अँधेरा – तिमिर, अंधकार
5. विश्व – संसार
6. सरित – सरिता, नदी
ये समानार्थक शब्द हैं। इन्हें पर्यायवाची शब्द भी कहा जाता है।
अर्थ की बात
(क) “ जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर”
इस पंक्ति में ‘चलो’ के स्थान पर ‘रहो’ शब्द रखकर पढ़िए। इस शब्द के बदलने से पंक्ति के अर्थ में क्या अंतर आ रहा है? अपने समूह में चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी सामूहिक होकर चर्चा करें।
(ख) कविता में प्रत्येक शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। यदि वे शब्द बदल दिए जाएँ तो कविता का अर्थ भी बदल सकता है और उसकी सुंदरता में भी अंतर आ सकता है।
नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। पंक्तियों के सामने लगभग समान अर्थों वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनमें से वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे उपयुक्त रहेगा-
प्रश्न 1.
बहाते चलो ………. तुम वह निरंतर (नैया, नाव, नौका)
कभी तो तिमिर का ……. मिलेगा ।। (तट, तीर, किनारा)
उत्तर:
नाव, किनारा
प्रश्न 2.
रहेगा ……. पर दिया एक भी यदि (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को ……. मिलेगा ।। (प्रात:, सुबह सवेरा)
उत्तर:
धरा, सवेरा
प्रश्न 3.
जला दीप पहला तुम्हीं ने ……… की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती ……… बार स्वीकार की थी। (प्रथम, अव्वल, पहली)
उत्तर:
तिमिर प्रथम ।
प्रतीक
(क) “कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा ”
निशा का अर्थ – रात।
सवेरा का अर्थ – सुबह ।
आपने अनुभव किया होगा कि कविता में इन दोनों शब्दों का प्रयोग ‘रात’ और ‘सुबह’ के लिए नहीं किया गया है। अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि ‘निशा’ और ‘सवेरा’ का इस कविता में क्या-क्या अर्थ हो सकता है। (संकेत- निशा से जुड़ा है ‘अँधेरा’ और सवेरे से जुड़ है ‘उजाला’)
उत्तर:
निशा का अर्थ बुराई का अंधकार तथा अज्ञान दोनों हो सकते हैं।
सवेरा का अर्थ आशा का आगमन, उत्साह का संचार ।
(ख) कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में मिलकर इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें उपयुक्त स्थान पर लिखिए।
दिये | अँधेरा | अमावस | पूर्णिमा | दिवस | तिमिर | नाव | किनारा |
शिला | ज्योति | उजेला | तूफान | लौ | स्वर्ण | जलना | बुझना |
उत्तर:
(ग) अपने समूह में मिलकर ‘निशा’ और ‘सवेरा’ के लिए कुछ और शब्द सोचिए और लिखिए।
(संकेत – नीचे दिए गए चित्र देखिए और इन पर विचार कीजिए ।)
उत्तर:
निशा के लिए शब्द : रात्रि, तिमिर, अंधकार, कालिका
सवेरा के लिए शब्द : प्रभात सूर्योदय प्रातः
पंक्ति से पंक्ति
” जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी ”
कविता की इस पंक्ति को वाक्य के रूप में इस प्रकार लिख सकते हैं- “तुम्हीं ने पहला दीप जला तिमिर
की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी । ”
अब नीचे दी गई पंक्तियों को इसी प्रकार वाक्यों के रूप में लिखिए-
1. बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर ।
उत्तर:
तुम अपनी नाव निरंतर बहाते चलो।
2. जलाते चलो ये दिये स्नेह भर भर |
उत्तर:
इन दियों को स्नेह से भरकर निरंतर जलाते रहो।
3. बुझाओ इन्हें यों न पथ मिल सकेगा।
उत्तर:
विद्युत – दियों को बुझाना होगा, क्योंकि इनसे पथ (रास्ता) नहीं मिल पाएगा।
4. मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।
उत्तर:
आज विश्व पर दिन में ही अमावस का अंधकार क्यों छाता चला जा रहा है।
सा/सी/से का प्रयोग
“घिरी आ रही है अमावस निशा- सी
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
इन पंक्तियों में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची है। इनमें ‘सी’ शब्द पर ध्यान दीजिए। यहाँ ‘सी’ शब्द समानता दिखाने के लिए प्रयोग किया गया है। ‘सा/सी/से’ का प्रयोग जब समानता दिखाने के लिए किया जाता है तो इनसे पहले योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया जाता है।
अब आप भी विभिन्न शब्दों के साथ ‘सा / सी / से’ का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
सी-सा का प्रयोग प्रायः उपमा अलंकार में किया जाता है क्योंकि वहाँ दो चीजों या व्यक्तियों में समानता दर्शायी जाती है।
पाँच वाक्य :
1. नायिका का मुख चाँद सा सुंदर है।
2. लड़की का हाथ कली-सा कोमल है।
3. समय शिला-सा जम जाएगा।
4. हाथी-सा मोटा टीला |
5. वह चाँदनी – सी चमक रही है।
पाठ से आगे
आपकी बात
“ रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा ”
(क) यदि हर व्यवति अपना कर्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी। आप भी दूसरों के लिए प्रतिदिन बहुत-से अच्छे कार्य करते होंगे। अपने उन कार्यों के बारे में बताइए ।
उत्तर:
हमारे द्वारा किए जाने भलाई के कार्य :
- मैं प्रतिदिन पक्षियों को दाना खिलता हूँ।
- मैं गरीब बच्चों की सायंकाल निःशुल्क पढ़ाता हूँ।
- मैं बूढ़े, अपंग व्यक्तियों को सड़क पार करवाता हूँ।
- मैं कक्षा के कमजोर साथियों की पढ़ाई में मदद करता हूँ।
(ख) इस कविता में निराश न होने, चुनौतियों का सामना करने और सबके सुख के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया है। यदि आपको अपने किसी मित्र को निराश न होने के लिए प्रेरित करना हो तो आप क्या करेंगे? क्या कहेंगे? अपने समूह में बताइए ।
उत्तरः
यदि हमारे मित्र के परीक्षा में कम अंक आए हैं और वह निराश हो गया है, तब हम उसे सांत्वना देंगे तथा अच्छे अंक लाने के लिए आवश्यक बातें समझाएँगे। हम इस काम में उसकी मदद भी करेंगे। उसका उपहास तो कतई नहीं उड़ाएँगे ।
(ग) क्या आपको कभी किसी ने कोई कार्य करने के लिए प्रेरित किया है? कब? कैसे? उस घटना के बारे में बताइए |
उत्तर:
मुझे मेरी माँ ने अपने साथियों की मदद करने के लिए प्रेरित किया है। वह मेरे टिफिन में ज्यादा खाना रखती है ताकि मैं अपना खाना गरीब बच्चों के साथ साझा कर सकूँ। इससे आपस में हमारा प्यार बढ़ता है। मैं अपनी पुस्तकें भी गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए दे देता हूँ। मैं उन्हें सदैव उत्साहित करने का प्रयास करता हूँ। यह बात भी मुझे मेरी माँ ने सिखाई है।
अमावस्या और पूर्णिमा
(क) “भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा – सी”
आप अमावस्या और पूर्णिमा के बारे में पहले ही पढ़ चुके हैं। क्या आप जानते हैं कि अमावस्या और पूर्णिमा के होने का क्या कारण है?
आप आकाश में रात को चंद्रमा अवश्य देखते होंगे। क्या चंद्रमा प्रतिदिन एक-सा दिखाई देता है? नहीं। चंद्रमा शुक्लपक्ष घटता-बढ़ता दिखाई देता है। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है।
आप जानते ही हैं कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है जबकि पृथ्वी सूर्य की आप यह भी जानते हैं कि चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश से ही चमकता है। लेकिन पृथ्वी के कारण सूर्य के कुछ प्रकाश को चंद्रमा तक जाने में रुकावट आ जाती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जो प्रति दिन घटती-बढ़ती रहती है। सूरज का जो प्रकाश बिना रुकावट चंद्रमा तक पहुँच जाता है, उसी से चंद्रमा चमकदार दिखता है। इसी छाया और उजले भाग की आकृति में आने वाले परिवर्तन को चंद्रमा की कला कहते हैं।
चंद्रमा की कला धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे घटती रहती है और अमावस्या वाली रात चाँद दिखाई नहीं देता। चंद्रमा की कलाओं के घटने के दिनों को ‘कृष्ण पक्ष’ को कहते हैं। ‘कृष्ण’ शब्द का एक अर्थ काला भी हौ इसी प्रकार चद्रं मा की कलाओ के बढ़ने के दिनों को ‘शुक्ल पक्ष’ कहते हैं। ‘शुक्ल’ शब्द का एक अर्थ ‘उजला’ भी है।
(ख) अब नीचे दिए गए चित्र में अमावस्या, पूर्णिमा, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को पहचानिए और ये नाम उपयुक्त स्थानों पर लिखिए-
(यदि पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।)
उत्तर:
जो गोला पूरी तरह से काला है, वहाँ अमावस्या का अंधकार है। जो गोला पूरी तरह से सफेद है, वहाँ पूर्णिमा का उजाला है। कृष्ण पक्ष – महीने के पहले पंद्रह दिन (पूर्वार्द्ध) शुक्ल पक्ष महीन के बाद (उत्तरादि के पंद्रह दिन)
तिथि पत्र
• आपने तिथिपत्र (कैलेंडर) अवश्य देखा होगा। उसमें साल के सभी महीनों की तिथियों की जानकारी दी जाती है। नीचे तिथिपत्र के एक महीने का पृष्ठ दिया गया है। इसे ध्यान से देखिए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) दिए गए महीने में कुल कितने दिन हैं?
उत्तर:
31 दिन
(ख) पूर्णिमा और अमावस्या किस दिनाँक और वार को पड़ रही है?
उत्तर:
पूर्णिमा 21 तारीख को और अमावस्या 5 को है।
(ग) कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में कितने दिनों का अंतर है?
उत्तर:
कृष्ण पक्ष की सप्तमी 27 और शुक्ल पक्ष की सप्तमी 13 को ।
(घ) इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल कितने दिन हैं?
उत्तर:
इस महीने में कृष्ण पक्ष में …… दिन
(ङ) ‘वसंत पंचमी’ की तिथि बताइए ।
उत्तर:
‘वसंत पंचमी’ की तिथि : ……..
आज की पहेली
• समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए ।
‘पवन’ शब्द का अर्थ है हवा ।
नीचे एक अक्षर जाल दिया गया है। इसमें ‘पवन’ के लिए ‘उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग नाम या शब्द छिपे हैं। आपको उन्हें खोजकर उन पर घेरा बनाना है, जैसा एक हमने पहले से बना दिया है। देखते हैं, आप कितने सही नाम या शब्द खोज पाते हैं।
उत्तर:
1. वायु,
2. अनिल,
3. मारुत,
4. समीर
5. पवन
खोजबीन के लिए
कविता संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू आर कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
- हम सब सुमन एक उपवन के
- बढ़े चलो
- रोज बदलता कैसे चाँद भाग 1
- रोज बदलता कै से चाँद भाग 2
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।