Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Mathrubhumi Question Answer मातृभूमि
मातृभूमि Question Answer Class 6
कक्षा 6 हिंदी पाठ 1 मातृभूमि कविता के प्रश्न उत्तर – Mathrubhumi Class 6 Question Answer
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-
प्रश्न 1.
हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?
• चरण
• हिमालय
• सिंधु
• वंशी
उत्तर:
• सिंधु
प्रश्न 2.
मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से-
• भारत की प्रशंसा की गई है।
• भारत के महापुरूषों की जय की गई है।
• भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
• भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।
उत्तर:
• भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तरः
• हमने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि हिंद महासागर ही वह सिंधु है जो हिमालय पर्वत के चरणों में है। वही महासागर
हिमालय के चरण पखारता है।
• ‘मातृभूमि’ कविता में ‘भारत की प्राकृतिक सुंदरता के विभिन्न रूपों का बखान किया गया है। इस वर्णन में भारत के पर्वत, नदियों, झरनों, पक्षियों की सुंदरता का वर्णन है । कविता में महापुरूषों-राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध की विशेषताओं का भी उल्लेख हुआ है।
मिलकर करें मिलान
पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
शब्द | अर्थ या संदर्भ |
1. हिमालय | 1. एक प्रसिद्ध महापुरुष, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक । |
2. त्रिवेणी | 2. वसुदेव के पुत्र वासुदेव । |
3. मलय पवन | 3. भारत की प्रसिद्ध नदियाँ। |
4. सिंधु | 4. तीन नदियों की मिली हुई धारा, संगम । |
5. गंगा-यमुना | 5. श्री रामचंद्र का एक नाम, दशरथ के पुत्र । |
6. रघुपति | 6. दक्षिणी भारत के मलय पर्वत से चलने वाली सुगंधित वायु । |
7. श्रीकृष्ण | 7. एक प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रंथ श्रीमद्भगवदगीता’ इसमें वे प्रश्न- उत्तर और संवाद हैं जो महाभारत में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुए थे। |
8. सीता | 8. समुद्र, एक नदी का नाम। |
9. गीता | 9. जनक की पुत्री जानकी। |
10. गौतम बुद्ध | 10. भारत की उत्तरी सीमा पर फैली पर्वत माला | |
उत्तर:
1 – 10,
2 – 4,
3 – 6,
4 – 8,
5 – 3,
6 – 5,
7 – 2,
8 – 9,
9 – 7,
10 – 1
पंक्तियों पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
“वह युद्ध भूमि मेरी, वह बुद्ध भूमि मेरी ।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी । ”
उत्तर:
हमें इन पंक्तियों का यह अर्थ में समझ आया कि भारत की भूमि की यह विशेषता रही है कि जहाँ यह भूमि युद्ध की धरती (महाभारत काल में) रही है, वहीं यही धरती उस महात्मा बुद्ध की धरती भी रही है, जहाँ शांति और करुणा का संदेश दिया गया। यद्यपि दोनों स्थितियों में विरोधाभास है, पर यह इस मातृभूमि की विशेषता रही है।
सोच-विचार के लिए
(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
प्रश्न 1.
कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर:
कोयल आम की अमराइयों में रहती है। वह वहीं से कूकती है।
प्रश्न 2.
तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर:
तन-मन को मलय पर्वत से आने वाली सुगंधित वायु सँवारती है।
प्रश्न 3.
झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर:
झरने पहाड़ियों से झरते हैं।
प्रश्न 4.
श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का पुनीत संदेश सुनाया ।
प्रश्न 5.
गौतम ने किस का यश बढ़ाया ?
उत्तर:
गौतम बुद्ध ने मातृभूमि का यश बढ़ाया। उन्होंने संसार के लोगों को दया का मंत्र दिया।
(ख) “ नदियाँ लहर रही हैं, पग पग छहर रही हैं”
‘लहर’ का अर्थ होता है पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश
‘छहर’ का अर्थ होता है-बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना
कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए-
• कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं ?
उत्तरः
नदियों में पानी की छटा भारत भूमि के प्रत्येक पग-पग पर छहर रही है।
• किस का पानी लहर रहा है ?
उत्तरः
गंगा-यमुना- सरस्वती (त्रिवेणी) तीनों नदियों का पानी लहरा रहा है।
कविता की रचना
“गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं”
‘यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो वि शेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर:
इस कविता की कुछ अन्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. कविता में त्रिवेणी शब्द तो आया है जो तीन नदियों का संगम स्थल है, पर तीसरी नदी सरस्वती का नाम नहीं आया है।
2. सिंधु नदियों को क्रियाशील बताने में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया गया है।
3. कवि भारत भूमि को अनेक नामों से संबोधित करता है- पुण्य भूमि, स्वर्ण भूमि जन्म भूमि, मातृभूमि, धर्मभूमि, कर्म भूमि आदि।
मिलान
स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैंौं मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी । | 1. यहाँ आम के घने उद्यान हैं जिनमें कोयल आदि पक्षी चहचहा रहे हैं। |
2. चिड़ियाँ चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में। | 2. मैंने उस भूमि पर जन्म लिया है। वह भूमि मेरी माँ समान है। |
3. अमराइयाँ घनी हैं, कोयल पुकारती है। | 3. वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि पक्षी पेड़-पौधों के बीच प्रसन्नता से गीत गा रहे हैं। |
उत्तर:
1 – 2,
2. – 3,
3 – 1
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “ अमराइयाँ घनी हैं, कोयल पुकारती है ”
कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?
उत्तर:
विद्यार्थी आपस में चर्चा करें।
कोयल पुकारती है = पिउ-पिउ
(ख) “बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है”
पवन किस का तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर:
मलय पवन शीतल मंद सुगंधित होती है और वह हमारे तन मन को सँवारती है। इस वायु का स्पर्श हम तन (शरीर) से करके पुलकित होते हैं। यह वायु हमारे मन को भी हर्षित एवं उल्लसित कर देता है।
शब्दों के रूप
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथि यों की सहायता भी ले सकते हैं।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
” जगमग छटा निराली, पग पग छहर रही हैं”
इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए-
घर-घर ………..
बाल-बाल ………..
साँस साँस ………
देश-देश ……….
पर्वत पर्वत ……….
उत्तर:
घर-घर : हर घर में, प्रत्येक घर में
बाल-बाल : बहुत थोड़े से, बाल-बाल बचना प्रत्येक
साँस साँस : प्रत्येक साँस
देश-देश : प्रत्येक देश
पर्वत-पर्वत : प्रत्येक पर्वत
(ख) “वह युद्ध भूमि मेरी, वह बुद्ध भूमि मेरी”
कविता में ‘भूमि’ शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए-
(संकेत-तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण, सिद्ध आदि)
उत्तर:
1. तप + भूमि = तपोभूमि – जहाँ ऋषि-मुनि तप करते हैं।
2. देव + भूमि = देवभूमि – वह भूमि जहाँ देवता वास करते हैं। (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है
3. जन्म + भूमि = जन्मभूमि – वह भूमि जहाँ हमने जन्म लिया हो ।
4. कर्म + भूमि = कर्मभूमि – भूमि का वह क्षेत्र जहाँ जो हमारा कार्य क्षेत्र रहा हो ।
5. मरु + भूमि = मरुभूमि – रेगिस्तान, जहाँ रेत ही रेत हो ।
6. मल्ल + भूमि मल्लभूमि – वह भूमि जहाँ मल्ल (पहलवान) रहे हों।
7. यज्ञ + भूमि = यज्ञभूमि – वह स्थल जहाँ यज्ञ होता हो।
8. रंग + भूमि = रंगभूमि – वह स्थान जहाँ नाटक आदि, कलात्मक कार्यक्रम संपन्न होते हो।
9. रण + भूमि = रणभूमि – युद्ध की भूमि, रणक्षेत्र |
10. सिद्ध भूमि = सिद्धभूमि – वह स्थान जहाँ महापुरुषों ने सिद्धियाँ प्राप्त की हो।
थोड़ा भिन्न, थोड़ा समान
नीचे दी गई पंकतियों को पढ़िए-
“जग को दया सिखाई, जग को दिया दिखाया। ”
‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। आप भी अपने समूह में मिलकर ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जिनमें केवल एक मात्रा का अंतर हो, जैसे- घड़ा घड़ी ।
उत्तर:
1. कर – हाथ, टैक्स
कार – वाहन
2. मार – मारना
मोर – एक पक्षी
3. पल – क्षण
पोल – रहस्य
4. चार – गिनती
चोर – चोरी करने वाला
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए ।
(संकेत – प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि )
उत्तर:
हम श्रीनगर में रहते हैं। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य की खान हैं। यहाँ के बाग फलों एवं मेवों के वृक्षों से लदे रहते `हैं। यहाँ की जलवायु सर्द रहती है। यहाँ के शालीमार-निशात बाग, पहलगाम, गुलमर्ग आदि स्थान प्रसिद्ध है।
(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं ?
उत्तर:
मुझे अपने परिवार की सदस्य माँ की अनेक बातें बहुत अच्छी लगती है। वह हमारा पालन-पोषण भली-भाँति करती है। हमें बहुत प्यार करती है। हमें हमारा मनपसंद खाना खिलाती है। हमें अच्छी आदतें सिखाती है तथा कभी डाँटती नहीं है।
वंशी से
“श्रीकृष्ण ने सुनाई,
वंशी पुनीत गीता’
‘वंशी’ बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँक कर बजाया जाने वाला एक ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँक कर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए।
वाद्यों के नामों का शब्द जाल
उत्तर:
अलगोजा
उत्तर:
बीन
उत्तर:
बाँसुरी
उत्तर:
सींगी
उत्तर:
शहनाई
उत्तर:
नादस्वरम्
उत्तर:
भंकोरा
उत्तर:
शंख
आज की पहेली
आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। नीचे कुछ अक्षर दिए गए हैं। आप इन्हें मिलाकर कोई सार्थक शब्द बनाइए। अक्षरों को आगे-पीछे किया जा सकता है यानी उनका क्रम बदला जा सकता है। आप अपने मन से किसी भी अक्षर के साथ कोई मात्रा भी लगा सकते हैं। पहला शब्द हमने आपके लिए पहले ही बना दिया है।
उत्तर:
1. महासागर,
2. हिमालय,
3. गंगा,
4. भीतर,
5. कोयल,
6. पवन।
झरोखे से
पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
पाठ आप नीचे दी गई इटरनेट कड़ी पर इसे संगीत के साथ सुन भी सकते है –
https%@@knowindia-india-gov-in@hindi@national&identity&elements@national&song-php
साझी समझ
आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।
उत्तर:
विविधता : ‘मातृभूमि’ कवित में भूमि को अनेक नामों से संबोधित किया गया है–स्वर्ण भूमि जन्म भूमि, कर्म भूमि, धर्म भूमि आदि।
समानता : दोनों कविताओं में भूमि के प्रति सम्मान का भाव प्रकट किया गया है।
खोजबीन के लिए
नीचे पाठ से संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
• स्वाधीनता की सरगम वंदना के इन स्वरों में
• ना हाथ एक शस्त्र हो
• पुष्प की अभिलाषा
• यह महिमामय अपना भारत
उत्तर:
यह कार्य विद्यार्थी स्वयं क्यू. आर. कोड की सहायता लेकर करेंगे।