MCQ Questions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 लखनवी अंदाज़ with Answers

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लखनवी अंदाज़ Class 10 MCQs Questions with Answers

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Question 1.
‘मुफस्सिल’ का क्या अर्थ होता है ?
(a) नगर का मुख्य भाग
(b) नगर का मुख्य चौराहा
(c) नगर का प्रसिद्ध व्यक्ति
(d) केंद्रस्थ नगर के इर्द-गिर्द का स्थान

Answer

Answer: (d) केन्द्रस्थ नगर के इर्द-गिर्द का स्थान।


Question 2.
लेखक के अनुसार नवाब ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा ?
(a) अकेले में यात्रा का आनंद लेने के लिए
(b) पैसों की किफ़ायत के कारण
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों सत्य हैं
(d) कोई भी कथन सत्य नहीं है

Answer

Answer: (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों सत्य हैं


Question 3.
खीरे को लेकर नबाब साहब के संकोच का क्या कारण था ?
(a) नबाब को खीरा खाते देखने से कोई क्या सोचेगा
(b) खीरा एक अपदार्थ वस्तु होती है
(c) वह अपना लखनवी अंदाज बनाए रखना चाहता था
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।


Question 4.
खीरा फेंक देने के बाद नबाब साहब ने क्या किया ?
(a) वे गाड़ी से उतरकर चले गए
(b) वे किताब पढ़ने लगे
(c) वे थककर सो गए
(d) वे दूसरे डिब्बे में जाकर बैठ गए

Answer

Answer: (c) वे थककर सो गए।


Question 5.
नबाब को खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का लेखक पर क्या असर पड़ा ?
(a) लेखक के ज्ञान-चक्षु खुल गए
(b) लेखक के सामने नवाब की पोल खुल गई
(c) लेखक को नई कहानी का आइडिया मिल गया
(d) ‘a’ और ‘b’ कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (d) ‘a’ और ‘b’ कथन सत्य हैं।


Question 6.
लेखक ने नबाब साहब के सामने बैठकर आँखें क्यों चुराईं ?
(a) शर्म के कारण
(b) लेखक एक बहुत बड़ा व्यक्ति था
(c) अपने प्रति नबाब की अरुचि देखकर
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (c) अपने प्रति नवाब की अरुचि देखकर।


Question 7.
अभिवादन कब होना चाहिए ?
(a) मिलने पर
(b) मिलने के बाद
(c) चलते समय
(d) कभी-कभी

Answer

Answer: (a) मिलने पर
मिलते ही अभिवादन किया जाता है, बाद में करने का कोई औचित्य नहीं है।


Question 8.
‘लखनवी अंदाज़’ में लेखक ने …….. पर कटाक्ष किया ?
(a) नेताओं पर
(b) पतनशील सामंती वर्ग पर
(c) धनाढ्य वर्ग पर
(d) साहित्यकारों पर

Answer

Answer: (b) पतनशील सामंती वर्ग पर
पतनशील सामंती वर्ग पर कटाक्ष किया है।


Question 9.
यशपाल का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
(a) 1903 में हिमाचल के शिमला जिले में
(b) 1903 में कश्मीर के जंगु जिले में
(c) 1903 में हिमाचल के कांगड़ा जिले में
(d) 1913 में पंजाब के होशियारपुर जिले में

Answer

Answer: (c) 1903 हिमाचल के काँगड़ा जिले में।


Question 10.
बी.ए. तक की शिक्षा उन्होंने कहाँ प्राप्त की ?
(a) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से
(b) वाराणसी विश्वविद्यालय से
(c) लाहौर के नेशनल कॉलेज से
(d) आगरा विश्वविद्यालय से

Answer

Answer: (c) लाहौर के नेशनल कालेज से।


Question 11.
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना यशपाल की नहीं है ?
(a) जंजीरें और दीवारें
(b) ज्ञान दान
(c) पिंजरे की उड़ान
(d) दादा कामरेड

Answer

Answer: (a) जंजीरें और दीवारें
जंजीरें और दीवारें रामवृक्ष बेनीपुरी की रचना है।


Question 12.
लेखक ने पैसेंजर ट्रेन में किस क्लास में यात्रा की ?
(a) फर्स्ट क्लास
(b) सेकन्ड क्लास
(c) थर्ड क्लास
(d) स्लीपर क्लास

Answer

Answer: (b) सेकंड क्लास।


Question 13.
लेखक सेकन्ड क्लास में यात्रा इसलिए करना चाहता था, क्योंकि
(a) वे एकांत में बैठकर नई कहानी के विषय में सोचना चाहते थे
(b) उनके पास पैसे कम थे
(c) सेकन्ड क्लास में भीड़ अधिक होती है
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (a) वे एकांत में बैठकर नई कहानी के विषय में सोचना चाहते थे।


Question 14.
लेखक को देखते हो नवाब की आँखों में असंतोष क्यों उभरा ?
(a) नवाब साहब एकांत में यात्रा करना चाहते थे
(b) लेखक छोटा आदमी था
(c) नवाब साहब के चिंतन में विघ्न पड़ गया था
(d) नवाब साहब बहुत बड़े आदमी थे

Answer

Answer: (c) नवाब साहब के चिंतन में विघ्न पड़ गया था
नवाब के चिंतन में विघ्न पड़ गया।


Question 15.
लेखक ने नवाब के हावभाव देखकर क्या सोचा ?
(a) लेखक ने सोचा कि शायद ये दुःखी हैं
(b) लेखक ने सोचा कि शायद ये भी किसी कहानी के बारे में सोच रहे हैं
(c) लेखक ने सोचा कि वे यहाँ से उठ जायेंगे
(d) लेखक ने सोचा कि वे किसी के इंतजार में हैं

Answer

Answer: (b) लेखक ने सोचा कि शायद ये भी किसी कहानी के बारे में सोच रहे हैं।


गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

(1)

गाड़ी छूट रही थी। सेकंड क्लास के एक छोटे डिब्बे को खाली समझकर, जरा दौड़कर उसमें चढ़ गए। अनुमान के प्रतिकूल डिब्बा निर्जन नहीं था। एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। सामने दो ताजे-चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा कूद जाने से सज्जन की आँखों में एकांत चिंतन में विघ्न का अंसतोष दिखाई दिया। सोचा, हो सकता है, यह भी कहानी के लिए सूझ की चिंता में हों या खीरे-जैसी अपदार्थ वस्तु का शौक करते देख जाने के संकोच में हों। नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। हमने भी उनके सामने की बर्थ पर बैठकर आत्मसम्मान में आँखें चुरा ली।

Question 1.
लेखक ट्रेन में सेकंड क्लास में सफर क्यों कर रहे थे?
(a) पैसे की कमी के कारण
(b) डिब्बे को खाली देखकर
(c) उस गाड़ी में और क्लास नहीं थी
(d) उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट नहीं था।

Answer

Answer: (b) डिब्बे को खाली देखकर।


Question 2.
बर्थ पर कहाँ के नवाब बैठे हुए थे ?
(a) इलाहाबाद के
(b) आगरा के
(c) लखनऊ के
(d) वाराणसी के

Answer

Answer: (c) लखनऊ के


Question 3.
लखनवी नवाब के चिंतन में विघ्न क्यों पड़ गया ?
(a) अपने साथ खीरों को देखकर
(b) क्योंकि गाड़ी चल पड़ी थी
(c) वह सीट नवाब साहब की नहीं थी जिस पर वे बैठे थे
(d) अचानक डिब्बे में लेखक के आ जाने से

Answer

Answer: (d) अचानक डिब्बे में लेखक के आ जाने पर।


Question 4.
नवाब साहब संकोच में क्यों पड़ गए ?
(a) अपने आप को सेकंड क्लास में सफर करते देखकर
(b) खीरे जैसी वस्तु का शौक करते देखे जाने के कारण
(c) अपनी नवाबी मानसिकता के कारण
(d) किसी अजनबी को देखकर

Answer

Answer: (b) खीरे जैसी वस्तु का शौक करते देखे जाने के कारण।


Question 5.
लेखक ने नवाब साहब से आँखें क्यों चुरा ली ?
(a) नवाब साहब ने संगति के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिखाई थी
(b) नवाब साहब को लेखक जानता नहीं था
(c) लेखक नवाब साहब के चिंतन में विघ्न नहीं डालना चाहता था
(d) लेखक को वहाँ बैठकर संकोच हो रहा था।

Answer

Answer: (a) नवाब साहब ने संगति के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिखाई थी।


(2)

ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफर करता देखे।… अकेले सफर का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे और अब किसी सफेदपोश के सामने खीरा कैसे खाएँ?
हम कनखियों से नवाब साहब की ओर देख रहे थे। नवाब साहब कुछ देर गाड़ी की खिड़की से बाहर देखकर स्थिति पर गौर करते रहे।
‘ओह’, नवाब साहब ने सहसा हमें संबोधन किया, ‘आदाब-अर्ज़’, जनाब, खीरे का शौक फ़रमाएँगे? नवाब साहब का सहसा भाव-परिवर्तन अच्छा नहीं लगा। भाँप लिया, आप शराफ़त का गुमान बनाए रखने के लिए हमें भी मामूली लोगों की हरकत में लथेड़ लेना चाहते हैं। जवाब दिया, ‘शुक्रिया, किबला शौक फरमाएँ।’

Question 1.
लेखक ठाली बैठे क्या अनुमान करने लगे ?
(a) वे अपनी कहानी के बारे में सोच रहे थे
(b) वे नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारणों के बारे में सोच रहे थे
(c) वे नवाब साहब के कपड़ों के बारे में सोच रहे थे
(d) वे सोच रहे थे कि नवाबी चली गई, परन्तु आदतें नहीं गईं

Answer

Answer: (c) वे नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारणों के बारे में सोच रहे थे।


Question 2.
नवाब साहब ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा होगा ?
(a) उन्हें लगा होगा कि आज सेकंड क्लास में सफर करके देखा जाए
(b) उनके पास इतने पैसे नहीं होंगे कि वे फर्स्ट क्लास का टिकट ले सकें
(c) उन्होंने किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का
(d) उनको फर्स्ट क्लास का टिकट नहीं मिल पाया होगा

Answer

Answer: (c) उन्होंने किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का
उन्होंने किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा।


Question 3.
लेखक नवाब साहब की ओर कैसे देख रहे थे ?
(a) कनखियों से
(b) गौर से
(c) टेढ़ी नज़र से
(d) आश्चर्य से

Answer

Answer: (a) कनखियों से।


Question 4.
लेखक ने यहाँ धन्यवाद के स्थान पर क्या शब्द-प्रयोग किया ?
(a) किबला
(b) आदाब-अर्ज़
(c) शराफ़त
(d) शुक्रिया

Answer

Answer: (d) शुक्रिया।


Question 5.
लेखक ने मामूली लोगों की हरकत किसे कहा है ?
(a) सेकंड क्लास में सफर करने को
(b) इस प्रकार खीरा खाने को
(c) खिड़की से बाहर झांकने को
(d) नवाबी रौब दिखाने को

Answer

Answer: (b) इस प्रकार खीरे खाने को।


(3)

हम गौर कर रहे थे, खीरा इस्तेमाल करने के इस तरीके को खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का सूक्ष्म, नफीस या एब्सट्रैक्ट तरीका ज़रूर कहा जा सकता है परंतु क्या ऐसे तरीके से उदर की तृप्ति भी हो सकती है? नवाब साहब की ओर से भरे पेट के ऊँचे डकार का शब्द सुनाई दिया और नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कह दिया, खीरा लज़ीज़ होता है लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे पर बोझ डाल देता है।’ ज्ञान-चक्षु खुल गए! पहचाना-ये हैं नयी कहानी के लेखक! खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से पेट भर जाने पर डकार आ सकता है तो बिना विचार, घटना और पात्रों के, लेखक की इच्छा मात्र से ‘नयी कहानी’ क्यों
नहीं बन सकती?

Question 1.
लेखक किस बात पर गौर कर रहे थे ?
(a) खीरे के इस्तेमाल के तरीके पर
(b) नवाब साहब की हरकतों पर
(c) अपनी कहानी पर
(d) ट्रेन के सफर पर

Answer

Answer: (a) खीरे के इस्तेमाल पर।


Question 2.
नवाब साहब ने जैसे खीरे का इस्तेमाल किया, क्या इससे उदर की तृप्ति हो सकती है ?
(a) नहीं हो सकती
(b) हाँ, हो सकती है
(c) कभी-कभी हो सकती है
(d) नवाब साहब की हो सकती है

Answer

Answer: (a) नहीं हो सकती।


Question 3.
लज़ीज़ शब्द का क्या अर्थ है ?
(a) भारी
(b) स्वादिष्ट
(c) चटपटा
(d) कडुआ

Answer

Answer: (b) स्वादिष्ट।


Question 4.
नवाब साहब के खीरा खाने के अंदाज़ का लेखक पर क्या असर पड़ा ?
(a) लेखक खीरे को पसंद करने लगे
(b) उन्हें खीरे के गुण-दोषों की जानकारी मिल गई
(c) लेखक के ज्ञान-चक्षु खुल गए
(d) वे खीरे से नफरत करने लगे

Answer

Answer: (c) लेखक के ज्ञान-चक्षु खुल गए।


Question 5.
‘एब्स्ट्रेक्ट’ तरीके से लेखक का क्या आशय है ?
(a) सबसे अनोखा तरीका
(b) नवाबी तरीका
(c) इस्तेमाल का नया तरीका
(d) ऐसा तरीका जिसका भौतिक अस्तित्व नहीं

Answer

Answer: (d) ऐसा तरीका जिसका भौतिक अस्तित्व नहीं।


(4)

नवाब साहब ने फिर एक पल खिड़की से बाहर देखकर गौर किया और दृढ़ निश्चय से खीरों के नीचे रखा तौलिया झाड़कर सामने बिछा लिया। सीट के नीचे से लोटा उठाकर दोनों खीरों को खिड़की से बाहर धोया और तौलिए से पोंछ लिया। जेब से चाकू निकाला। दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला। फिर खीरों को बहुत एहतियात से छीलकर फाँकों को करीने से तौलिए पर सजाते गए।
लखनऊ स्टेशन पर खीरा बेचने वाले खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं। ग्राहक के लिए जीरा-मिला नमक और पिसी हुई लाल मिर्च की पुड़िया भी हाज़िर कर देते हैं।

Question 1.
नवाब साहब ने खीरा खाने के लिए क्या तैयारी की ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • नवाब साहब ने तौलिया झाड़कर सामने बिछा लिया
  • सीट के नीचे से लोटा निकाल कर खीरों को धोया।
  • जेब से चाकू निकालकर खीरों को काटा।

Question 2.
खीरों को काटकर नवाब साहब ने झाग क्यों निकाला ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • खीरों की कड़वाहट दूर करने के लिए।

Question 3.
नवाब साहब ने खीरों को काटकर क्या किया ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • उन्होंने बहुत एहतियात से उनको तौलिए पर रखा
  • वे उनको करीने से सजाते गए।

Question 4.
खीरा बेचने वाले खीरे को किस प्रकार खाने के लिए ग्राहक को देते हैं ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • वे खीरे को तरीके से काटते हैं
  • फिर उन पर जीरा बुरकते हैं।

(5)

नवाब साहब ने बहुत करीने से खीरे की फाँकों पर जीरा-मिला नमक और लाल मिर्च की सुर्थी बुरक दी। उनकी प्रत्येक भाव-भंगिमा और जबड़ों के स्फुरण से स्पष्ट था कि उस प्रक्रिया में उनका मुख खीरे के रसास्वादन की कल्पना से प्लावित हो रहा था।
हम कनखियों से देखकर सोच रहे थे, मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों की नजरों से बच सकने के खयाल में अपनी असलियत पर उतर आए हैं। नवाब साहब ने फिर एक बार हमारी ओर देख लिया, ‘वल्लाह, शौक कीजिए, लखनऊ का बालम खीरा है!’ नमक-मिर्च छिड़क दिए जाने से ताज़े खीरे की पनियाती फाँकें देखकर पानी मुँह में ज़रूर आ रहा था, लेकिन इंकार कर चुके थे। आत्मसम्मान निबाहना ही उचित समझा, उत्तर दिया, ‘शुक्रिया, इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी ज़रा कमजोर है, किबला शौक फरमाएँ।’
Question 1.
नवाब साहब ने खीरों को खाने की किस प्रकार तैयारी की ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • उन्होंने खीरों पर जीरा-मिला नमक और लाल मिर्च बुरक दी
  • नवाब साहब के मुख से पानी आ रहा था।

Question 2.
लेखक कनखियों से देखकर क्या सोच रहे थे ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • अपने आप में रईस बनते हैं
  • अपने आप को लोगों की नजरों से बचाकर असलियत पर उतर आए।

Question 3.
नमक-मिर्च बुरके खीरों को देखकर लेखक को कैसा लगा ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • लेखक के मुँह से भी पानी आने लगा
  • उनका मन भी खीरा खाने को ललचाने लगा।

Question 4.
लेखक खीरा क्यों नहीं खा पाया ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • वे खीरा खाने से पहले ही इंकार कर चुके थे
  • उन्हें अपने आत्मसम्मान की फिक्र थी।

Question 5.
मेदा कमजोर होने से क्या होता है ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • पाचन क्रिया ठीक नहीं हो पाती
  • खाया-पीया हजम नहीं हो पाता।

(6)

नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा। खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ निश्वास लिया। खीरे की एक फाँक उठाकर होठों तक ले गए। फाँक को सूंघा। स्वाद के आनंद में पलकें मुंद गईं। मुँह में भर आए पानी का घुट गले से उतर गया। तब नवाब साहब ने फाँक को खिड़की से बाहर छोड़ दिया। नवाब साहब खीरे की फाँकों को
उत्तर नाक के पास ले जाकर, वासना से रसास्वादन कर खिड़की के बाहर फेंकते गए। नवाब साहब ने खीरे की सब फाँकों को खिड़की के बाहर फेंककर तौलिए से हाथ और होंठ पोंछ लिए और गर्व से गुलाबी आँखों से हमारी ओर देख लिया, मानो कह रहे हों-यह है खानदानी रईसों का तरीका। नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए। हमें तसलीम में सिर खम कर लेना पड़ा-यह है खानदानी तहज़ीब, नफासत और नज़ाकत!

Question 1.
नवाब साहब ने नमक-मिर्च लगे खीरे को कैसे देखा ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • ललचाई नजरों से
  • देखकर दीर्घ श्वास लिया।

Question 2.
नवाब साहब ने खीरों का क्या किया?

Answer

Answer:
संकेत-

  • नवाब अपनी नवाबी नहीं छोड़ते
  • उन्हें सूंघ-सूंघ कर खिड़की से बाहर फेंकने लगे
  • इस प्रकार उन्होंने खीरे का स्वाद लिया।

Question 3.
नवाब साहब का इस प्रकार खीरों का खाना क्या दर्शाता

Answer

Answer:
संकेत-

  • रस्सी जल गई पर बल नहीं गए-कहावत नवाब साहब पर चरितार्थ होती है।

Question 4.
खीरों को बाहर फेंककर नवाब साहब ने क्या किया ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • वे खीरों की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।

Question 5.
लेखक ने इस पूरी प्रक्रिया से क्या सीखा ?

Answer

Answer:
संकेत-

  • खानदानी तहज़ीब क्या होती है
  • नफासत और नज़ाकत किसे कहते हैं
  • वे किसी देशभक्त का मज़ाक उड़ाना बहुत बुरा समझते थे।

बोधात्मक प्रश्न

Question 1.
नवाब साहब ने गर्व से गुलाबी आँखों द्वारा लेखक की तरफ क्यों देखा ?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • वे अपनी नवाबी दिखाना चाहते थे
  • सूंघकर तृप्त होना खानदानी रईसों का तरीका है।

Question 2.
नवाब साहब का इस प्रकार खीरे से जुड़ी पूरी प्रक्रिया क्या दर्शाती है ?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • वे बनावटी जीवन शैली के अभ्यस्त हैं
  • उनमें दिखावे की प्रवृत्ति है
  • झूठी शान उनका पीछा नहीं छोड़ सकती।

Question 3.
नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कौन-कौन से कारण रहे होंगे?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • किसी सफेदपोश द्वारा देख लिए जाने पर संकोच
  • खीरे खाते देखने पर संकुचित होना
  • सेकंड क्लास में यात्रा का संकोच।

Question 4.
नवाब साहब ने अंत में खीरे का क्या किया ?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • एक-एक खीरे की फाँक को सूंघा
  • तृप्ति का अनुभव करते हुए खीरे की एक-एक फाँक को बाहर फेंकते गए।

Question 5.
नवाब साहब जैसे लोग समाज के किस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं ?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • जो दिखावे की प्रवृत्ति में विश्वास करते हैं
  • जो पतनशील होने पर भी अपने को पुरानी आदतों से जोड़कर रखते हैं
  • जो नाज़-नखरे दिखाना ही खानदानी रईसी समझते हैं।

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