MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 16 पतझर में टूटी पत्तियाँ with Answers

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पतझर में टूटी पत्तियाँ Class 10 MCQs Questions with Answers

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Question 1.
कैसे लोगों ने समाज को गिराया है ?
(a) आदर्शवादी लोगों ने
(b) व्यवहारवादी लोगों ने
(c) यथार्थवादी लोगों ने
(d) सामाजिक लोगों ने

Answer

Answer: (b) व्यवहारवादी लोगों ने।


Question 2.
जापान में कितने प्रतिशत लोग मनोरोगी हैं ?
(a) बीस प्रतिशत
(b) चालीस प्रतिशत
(c) साठ प्रतिशत
(d) अस्सी प्रतिशत

Answer

Answer: (d) अस्सी प्रतिशत।


Question 3.
जापानी मित्र शाम को लेखक को कहाँ ले गए ?
(a) एक रेस्तराँ में
(b) एक फिल्म दिखाने
(c) टी-सेरेमनी में
(d) कॉफी हाउस में ।

Answer

Answer: (c) टी-सेरेमनी में।


Question 4.
पर्णकुटी के बाहर क्या रखा हुआ था ?
(a) ताँबे का बर्तन ।
(b) मिट्टी का बर्तन
(c) पीतल का बर्तन
(d) चाँदी का बर्तन

Answer

Answer: (b) मिट्टी का बर्तन।


Question 5.
पर्णकुटी के अंदर कौन बैठा था ?
(a) चाचीन
(b) जापान
(c) चीन
(d) नाचीन

Answer

Answer: (a) चाचीन।


Question 6.
‘दो झो’ का जापानी में क्या अर्थ है ?
(a) बैठ जाइए
(b) रुक जाइए
(c) आइए, तशरीफ लाइए
(d) चले जाइए

Answer

Answer: (c) आइए, तशरीफ लाइए


Question 7.
चाय बनाने की सभी क्रियाएँ किस ढंग से हुईं ?
(a) जल्दबाजी में
(b) ग्राहकों के अनुसार
(c) समय के अनुसार
(d) गरिमापूर्ण ढंग से

Answer

Answer: (d) गरिमापूर्ण ढंग से।


Question 8.
‘टी-सेरेमनी’ में एक साथ कितने लोगों को प्रवेश दिया जाता है ?
(a) तीन
(b) चार
(c) पाँच
(d) छह

Answer

Answer: (a) तीन।


Question 9.
लेखक के अनुसार कौन-सा काल सत्य है ?
(a) भूतकाल
(b) वर्तमानकाल ।
(c) भविष्यत्काल
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) वर्तमानकाल
वर्तमान।


Question 10.
वर्तमान काल कितना विस्तृत था ?
(a) भूतकाल जितना
(b) भविष्यत् का जितना
(c) वर्तमानकाल जितना
(d) अनंतकाल जितना रित दल

Answer

Answer: (d) अनंतकाल जितना रित दल
अनंतकाल जितना।


Question 11.
‘गिन्नी का सोना’ किसे कहा जाता है ?
(a) जो बिल्कुल शुद्ध हो
(b) जिसमें ताँबा मिला होता है
(c) जिससे सोने के सिक्के बनते हैं
(d) जिसमें ताँबा नहीं मिला होता है

Answer

Answer: (d) जिसमें ताँबा नहीं मिला होता है
जिसमें ताँबा मिला हो और जो आभूषण बनाने के काम आता हो।


Question 12.
शुद्ध आदर्शों की तुलना किससे की है ?
(a) गिन्नी के सोने से
(b) शुद्ध सोने से
(c) गाँधी जी से
(d) जिस सोने के आभूषण बनते हैं

Answer

Answer: (b) शुद्ध सोने से।


Question 13.
शुद्ध आदर्शों में लोग क्या मिला देते हैं ?
(a) व्यावहारिकता
(b) यथार्थवादिता
(c) अपने विचार
(d) अपने स्वार्थ

Answer

Answer: (a) व्यावहारिकता।


Question 14.
आदर्शों में व्यावहारिकता मिलाने वाले लोगों को क्या कहा जाता है ?
(a) समझदार
(b) आदर्शवादी
(c) यथार्थवादी
(d) प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट

Answer

Answer: (d) प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट।


Question 15.
कुछ लोग गाँधी जी को क्या कहते थे ?
(a) व्यवहारवादी
(b) आदर्शवादी
(c) प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट
(d) यथार्थवादी

Answer

Answer: (c) प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट।


Question 16.
चंद लोगों के अनुसार गाँधी जी के आदर्श कैसे थे ?
(a) विलक्षण
(b) व्यावहारिक
(c) जनता से जुड़े
(d) समाजोपयोगी

Answer

Answer: (a) विलक्षण।


Question 17.
गाँधी जी अपने आदर्शों को किस स्तर पर नहीं उतरने देते थे ?
(a) मनोवैज्ञानिक स्तर पर
(b) व्यवहारिकता के स्तर पर
(c) अपने आदर्शों के स्तर पर
(d) समाज के स्तर पर

Answer

Answer: (b) व्यवहारिकता के स्तर पर।


Question 18.
हमेशा कैसे लोग सजग रहते हैं ?
(a) आदर्शवादी लोग
(b) मिलनसार लोग
(c) यथार्थवादी लोग
(d) व्यवहारवादी लोग

Answer

Answer: (d) व्यवहारवादी लोग।


Question 19.
महत्त्व की क्या बात है ?
(a) अपना नुकसान न होने दे
(b) सदा लाभ-हानि का हिसाब रखना
(c) तारता हुआ तरे
(d) जीवन में असंतुष्ट न हों

Answer

Answer: (c) तारता हुआ तरे
तारता हुआ तरे अर्थात् अपने कल्याण के साथ दूसरों का भी कल्याण करे।


Question 20.
खुद ऊपर चढ़ना और दूसरों को भी ऊपर ले चलना ये काम कौन करता है ?
(a) बहादुर लोग
(b) व्यवहारवादी लोग
(c) परिश्रमी लोग
(d) आदर्शवादी लोग

Answer

Answer: (d) आदर्शवादी लोग।


गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

(1)

जापान में मैंने अपने एक मित्र ने पूछा, “यहाँ के लोगों  को कौन-सी बीमारियाँ अधिक होती हैं ?”
“मानसिक”, उन्होंने जवाब दिया, “यहाँ के अस्सी फीसदी लोग मनोरुग्ण हैं।”
“इसकी क्या वजह है ?”
कहने लगे, “हमारे जीवन की रफ्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। ….अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग की रफ्तार हमेशा तेज ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव
बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है।….यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।

Question 1.
जापान के लोगों को कौन-सी बीमारी अधिक होती है ?
(a) हृदयाघात
(b) मनोरोग
(c) कैंसर
(d) टी.बी.

Answer

Answer: (b) मनोरोग।


Question 2.
जापान में मनोरोगियों की संख्या बढ़ने का क्या कारण
(a) आर्थिक तंगी
(b) परस्पर झगड़े
(c) जीवन की रफ्तार का बढ़ना
(d) नाम की चाह

Answer

Answer: (c) जीवन की रफ्तार का बढ़ना।


Question 3.
जापानी किस देश से विकास में आगे निकलना चाह रहे
(a) अमेरिका से
(b) चीन से
(c) जापान से
(d) इंग्लैंड से

Answer

Answer: (a) अमेरिका से।


Question 4.
दिमाग का इंजन कब टूट जाता है ?
(a) जब कुछ कार्य करना चाहते हैं
(b) जब इंजन को स्टार्ट किया जाता है
(c) जब पढ़ने-लिखने का बोझ होता है
(d) जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है

Answer

Answer: (d) जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है।


Question 5.
मानसिक रोगी क्या करता है ?
(a) अकेले में बड़बड़ाता है
(b) जीवन से वंचित हो जाता है
(c) वह कुछ भी नहीं करता
(d) खाली गप्पें हाँकता है

Answer

Answer: (a) अकेले में बड़बड़ाता रहता है।


(2)

शुद्ध सोना अलग है और गिन्नी का सोना अलग। गिन्नी के सोने में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया हुआ होता है, इसलिए वह ज़्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मज़बूत भी होता है। औरतें अक्सर इसी सोने के गहने बनवा लेती हैं।
फिर भी होता तो वह है गिन्नी का ही सोना।
शुद्ध आदर्श भी शुद्ध सोने के जैसे ही होते हैं। चंद लोग उनमें व्यावहारिकता का थोड़ा-सा ताँबा मिला देते हैं और चलाकर दिखाते हैं। तब हम लोग उन्हें प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट’ कहकर उनका बखान करते हैं।
पर बात न भूलें कि बखान आदर्शों का नहीं होता, बल्कि व्यावहारिकता का होता है। और जब व्यावहारिकता का बखान होने लगता है तब ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझबूझ ही आगे आने लगती है। सोना पीछे रहकर ताँबा ही आगे आता है।

Question 1.
गिन्नी का सोना और शुद्ध सोने में क्या अंतर होता है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • गिन्नी के सोने में ताँबा मिला होता है
  • गिन्नी के सोने के आभूषण बनते हैं
  • शुद्ध सोना बहुत मुलायम होता है, वह मजबूत कम होता है।

Question 2.
‘फिर भी होता तो वह है गिन्नी का ही सोना’ पंक्ति का – आशय स्पष्ट कीजिए।

Answer

Answer:
संकेतः

  • शुद्ध सोने की ही कीमत अधिक होती है
  • शुद्ध सोने में ताँबा मिलाकर गिन्नी बनाई जाती है
  • ताँबा सोने की कीमत को कम करता है।

Question 3.
शुद्ध आदर्शों की तुलना शुद्ध सोने से क्यों की गई है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • शुद्ध सोने में भी किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती
  • शुद्ध आदर्शों में भी व्यावहारिकता को नहीं मिलाया जा सकता।

Question 4.
आदर्शों में व्यावहारिकता मिलाने का क्या परिणाम होता |

Answer

Answer:
संकेतः

  • आदर्शों में व्यावहारिकता मिलने पर व्यावहारिकता का ही बखान होता है
  • शुद्ध आदर्श पीछे छूट जाते हैं।

Question 5.
‘सोना पीछे रहकर ताँबा ही आगे आता है। पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

Answer

Answer:
संकेतः

  • आदर्श पीछे छूट जाते हैं
  • लोगों की व्यावहारिक सूझ-बूझ ही आगे आने लगती है।

(3)

चंद लोग कहते हैं, गाँधी जी प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट’ थे। व्यावहारिकता को पहचानते थे। उसकी कीमत जानते
थे। इसीलिए वे अपने विलक्षण आदर्श चला सके। वरना हवा में ही उड़ते रहते। देश उनके पीछे न जाता।
हाँ, पर गाँधी जी कभी आदर्शों को व्यावहारिकता के स्तर पर उतरने नहीं देते थे। बल्कि व्यावहारिकता को आदर्शों के स्तर पर चढ़ाते थे। वे सोने में ताँबा नहीं बल्कि ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे।
इसलिए सोना ही हमेशा आगे आता रहता था। व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं, पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं। खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें, यही महत्त्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है।

Question 1.
लोगों का गाँधी जी के बारे में क्या मानना है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • कुछ लोग गाँधी जी को व्यावहारिक आदर्शवादी मानते हैं
  • उन्हें व्यावहारिकता की पहचान थी
  • व्यावहारिकता के बल पर ही वे अपने आदर्श चला सके।

Question 2.
लेखक के अनुसार गाँधी जी के आदर्श कैसे थे ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • गाँधी जी व्यावहारिकता को आदर्शों में ढालने में माहिर थे
  • वे ताँबे में सोना मिलाकर ताँबे की कीमत को बढ़ा देते थे।

Question 3.
व्यवहारवादी लोगों की क्या विशेषता होती है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • व्यवहारवादी लोग अपने स्वार्थों को सबसे ऊपर रखते हैं
  • वे हर कार्य लाभ-हानि देखकर करते हैं।

Question 4.
लेखक ने किस बात को महत्त्व की बात कहा है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • अपनी उन्नति के साथ दूसरों की उन्नति में भागीदार बनें
  • सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति है।

Question 5.
आदर्शवादी लोगों की क्या विशेषता होती है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • आदर्शवादी लोग दूसरों की उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहते हैं
  • इन लोगों के कारण ही समाज उन्नति करता है
  • समाज में जो भी शाश्वत मूल्य हैं, वे आदर्शवादी लोगों की ही देन हैं।

(4)

शाम को वह मुझे एक ‘टी-सेरेमनी’ में ले गए। चाय पीने की यह एक विधि है। जापानी में उसे चा-नो-यू कहते हैं।
वह एक छः मंजिली इमारत थी जिसकी छत पर दफ़्ती की दीवारों वाली और तातामी (चटाई) की ज़मीन वाली एक सुंदर पर्णकुटी थी। बाहर बेढब-सा एक मिट्टी का बरतन था। उसमें पानी भरा हुआ था। हमने अपने हाथ-पाँव इस पानी से धोए। तौलिए से पोंछे और अंदर गए। अंदर ‘चाजीन’ बैठा था। हमें देखकर वह खड़ा हुआ। कमर झुकाकर उसने हमें प्रणाम किया। दो…झो. ..(आइए, तशरीफ़ लाइए) कहकर स्वागत किया। बैठने की जगह हमें दिखाई। अँगीठी सुलगाई। उस पर चायदानी रखी। बगल के कमरे में जाकर कुछ बरतन ले आया। तौलिए से बरतन साफ किए। सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से की कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूंज रहे हों। वहाँ का वातावरण इतना शांत था कि चायदानी के पानी का खदबदाना भी सुनाई दे रहा था।

Question 1.
शाम को लेखक के मित्र उन्हें कहाँ ले गए ? जापानी में उसे क्या कहते हैं ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • शाम को वे एक ‘टी-सेरेमनी’ में गए
  • जापानी में उसे ‘चा-नो-यू’ कहते हैं।

Question 2.
जहाँ ये लोग चाय पीने गए थे वह स्थान कैसा था ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • जहाँ ये चाय पीने गए थे, वह एक छह मंजिला इमारत थी
  • उसकी दीवारें दफ्ती की थीं
  • वह पत्तों की बनी हुई एक कुटिया थी।

Question 3.
चाजीन ने अतिथियों का स्वागत किस प्रकार किया ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • चाजीन ने झुककर उनका अभिवादन किया
  • उनको उनके बैठने की जगह दिखलाई।

Question 4.
चाजीन ने चाय बनाने की तैयारी कैसे की ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • उसने पहले अँगीठी सुलगाई और उस पर चायदानी रखी
  • तौलिए से बरतन साफ किए
  • सभी क्रियाएँ बहुत ही गरिमापूर्ण ढंग से सम्पन्न हुईं।

Question 5.
चाय बनाने वाले की भंगिमा को देखकर कैसा लमता था और वहाँ का वातावरण कैसा था ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • चाय बनाने वाले की भंगिमा को देखकर लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूंज रहे हैं
  • वहाँ का वातावरण एकदम शांत था।

(5)

चाय तैयार हुई। उसने वह प्यालों में भरी। वे प्याले हमारे सामने रख दिए गए। वहाँ हम तीन मित्र थे। इस विधि में शाांति मुख्य बात होती है। इसलिए वहाँ तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता। प्याले में दो घूट से अधिक चाय नहीं थी। हम ओठों से प्याला लगाकर एक-एक बूँद चाय पीते रहे। करीब डेढ़ घंटे तक चुसकियों का यह सिलसिला चलता रहा।
पहले दस-पंद्रह मिनट तो मैं उलझन में पड़ा। फिर देखा, दिमाग की रफ्तार धीरे-धीरे धीमी पड़ती जा रही है। थोड़ी देर में बिलकुल बंद भी हो गई। मुझे लगा, मानो अनंतकाल में मैं जा रहा हूँ। यहाँ तक कि सन्नाटा भी मुझे सुनाई देने लगा।
अक्सर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यत्काल में। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्यत् दोनों काल उड़ गए थे, केवल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।
जीना किसे कहते हैं, उस दिन मालूम हुआ। झेन परंपरा की यह बड़ी देन मिली है जापानियों को !

Question 1.
‘टी-सेरेमनी’ में एक साथ कितने आदमियों को प्रवेश दिया जाता है और क्यों ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • टी-सेरेमनी में एक साथ तीन या तीन से कम आदमियों को ही प्रवेश दिया जाता है
  • ताकि वहाँ का वातावरण शांत रह सके।

Question 2.
लेखक की उलझन का क्या कारण था ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • लेखक सोच रहा था कि इस प्रकार चाय पीने से क्या लाभ हो रहा था
  • अभी तक उनके सामने परिणाम नहीं आया था।

Question 3.
दिमाग की रफ्तार कम होने पर लेखक को कैसा लगा ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • जैसे वह अनंत काल में जी रहा है
  • उनको सन्नाटा भी सुनाई देने लगा।

Question 4.
लेखक ने दुःखों का कारण भूत और भविष्य को क्यों माना है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • भूतकाल चला गया। अतः सोचने से क्या लाभ है
  • भविष्यत्काल अभी आया नहीं अतः उसकी चिंता क्यों करते हो
  • ये दोनों ही बातें मनुष्य के दुःख को बढ़ाती हैं।

Question 5.
कवि ने सत्य किसे माना है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • सत्य केवल वर्तमान है
  • वर्तमान में जो जीता है वह ही सुखी रहता है
  • तनाव रहित जीवन ही सुख है।

बोधात्मक प्रश्न

Question 1.
जापानियों में मनोरोग के क्या कारण हैं ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • प्रतिस्पर्धा की भावना
  • एक महीने के काम को एक दिन में समाप्त करने का संकल्प।

Question 2.
शुद्ध आदर्शों की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • शुद्ध सोने में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती
  • शुद्ध आदर्शों में भी व्यावहारिकता को नहीं मिलाया जा सकता।

Question 3.
आपके विचार से कौन-कौन से मूल्य शाश्वत हैं ? वर्तमान समय में इन मूल्यों की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।

Answer

Answer:
संकेतः

  • ईमानदारी, सत्य, अहिंसा और परिश्रम आदि शाश्वत मूल्य हैं
  • जब मूल्य नष्ट होने लगते हैं तो उनकी प्रासंगिकता और अधिक बढ़ जाती है।

Question 4.
प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट किसे कहते हैं ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • जो आदर्शों में व्यावहारिकता को मिलाकर अपने आदर्शों को चला देते हैं।

Question 5.
जापान में जहाँ चाय पिलाई जाती है उस स्थान की क्या विशेषता है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • वह स्थान एक छह मंजिला इमारत पर है
  • यहाँ एक पर्णकुटी बनाई गई है
  • नीचे चटाई बिछी हुई थी।

Question 6.
गाँधी जी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। सिद्ध कीजिए।

Answer

Answer:
संकेतः

  • उनकी व्यावहारिकता पर गहरी पकड़ थी
  • असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन
  • डांडी यात्रा आदि के अवसर पर उनके नेतृत्व की क्षमता का सबने लोहा माना
  • वे अपने आदर्शों के प्रति सदा सजग रहे
  • उनकी प्राथमिकता लोक-कल्याण में थी।

Question 7.
चाय पीने के बाद लेखक ने स्वयं में क्या परिवर्तन महसूस किया ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • उनके मस्तिष्क से भूतकाल व भविष्यत्काल दोनों ही उड़ गए
  • उनके दिमाग की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो गई
  • उनको लगने लगा कि वे अनंतकाल में जी रहे हैं।

Question 8.
‘समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है’ कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

Answer

Answer:
संकेतः

  • समाज को बनाने का काम आदर्शवादी लोग करते हैं
  • चंद आदर्शवादी लोग व्यवहारवादियों पर भारी पड़ते हैं
  • आदर्शवादी लोग ही समाज का आधार मजबूत बनाए हुए हैं
  • वे अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर कार्य करते हैं।

Question 9.
मनुष्य के दुःखों का कारण क्या है ?

Answer

Answer:
संकेतः

  • अनावश्यक प्रतिस्पर्धा
  • भूत और भविष्य की कल्पनाओं में खोए रहना
  • अप्राप्य की चाह।

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